नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना तकनीक (Information Technology) मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक बड़ा फैसला किया है। वे अब अपने दैनिक काम के लिए किसी विदेशी प्लेटफॉर्म का नहीं बल्कि देशी Zoho का इस्तेमाल करेंगे। वह अब इसी पर अपना डाक्यूमेंट्स, स्प्रेडशीट और प्रेजेंटेशन जैसे काम करेंगे। वैष्णव का यह कदम ‘आत्मनिर्भर भारत’ को बढ़ावा देने के लिए है। मतलब कि अब ‘गूगल’ जैसी अमेरिकी कंपनियों के भरोसे नहीं रहेंगे। अब स्वदेशी कंपनियों को ही बढ़ावा दिया जाएगा।
ट्वीट कर दी जानकारी
अश्विनी वैष्णव ने X (पहले ट्विटर) पर यह जानकारी दी है। उन्होंने लिखा, “मैं Zoho पर शिफ्ट कर रहा हूं। यह डाक्यूमेंट्स, स्प्रेडशीट और प्रेजेंटेशन के लिए हमारा अपना स्वदेशी प्लेटफार्म है। मैं सभी से PM श्री @narendramodi जी के स्वदेशी अपनाने के आह्वान में शामिल होने का आग्रह करता हूं।” सरकार देसी तकनीक को बढ़ावा देना चाहती है। इसलिए विदेशी प्लेटफार्म पर निर्भरता कम करना चाहती है। यह उसी दिशा में उठाया गया कदम है।
श्रीधर वेम्बू ने यह दी प्रतिक्रिया
Zoho के फाउंडर और CEO श्रीधर वेम्बु ने आईटी मिनिस्टर के इस फैसले पर ख़ुशी जताई है। उन्होंने कहा, “धन्यवाद सर, यह हमारे इंजीनियरों के लिए बहुत बड़ा प्रोत्साहन है। उन्होंने दो दशकों से ज़्यादा समय से हमारे प्रोडक्ट बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है। हम आपको और हमारे देश को गर्व कराएंगे। जय हिन्द।”
स्वदेशी को दें बढ़ावा
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरुणाचल प्रदेश में व्यापारियों से बात की थी। उन्होंने फिर से ‘स्वदेशी खरीदें और स्वदेशी बेचें’ का नारा दिया था। स्थानीय व्यापारियों ने GST जैसे सुधारों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि इससे निर्माण की लागत कम हुई है। कच्चा माल सस्ता हुआ है और घरेलू उत्पादन बढ़ा है। इसके बाद ही आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने यह कदम उठाया है।
वीजा वार के बीच बड़ा कदम
देश के आईटी मिनिस्टर वैष्णव का Zoho पर जाना एक बड़ा सन्देश है। यह दिखाता है कि हमें भारतीय सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करना चाहिए। कुछ लोग कह रहे हैं कि यह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के वीजा झटके का जवाब है। वह भारतीयों को स्वदेशी अपनाने को प्रेरित कर रहे हैं। मतलब कि उनके निशाने पर गूगल जैसी अमेरिकी कंपनियां हैं। उल्लेखनीय है कि चीन में गूगल आदि कंपनियों की सेवा नहीं है। वहां चीनी कंपनियों के ही प्लेटफॉर्म पर काम होता है।