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विश्व के 4 देशों के मुखिया हिन्दू हैं, जिनके सामर्थ्य और नेतृत्व का दुनिया मानती है लोहा

नई दिल्ली। भारत,नेपाल मॉरिशस के अलावा अब ब्रिटेन भी उस लिस्ट में शामिल हो गया है जहां देश के नेतृत्व का बागडोर किसी हिंदू राजनेता के हाथ में है। इन सभी नेताओं पर देश की जनता और पार्टी भरोसा करती. . .

नई दिल्ली। भारत,नेपाल मॉरिशस के अलावा अब ब्रिटेन भी उस लिस्ट में शामिल हो गया है जहां देश के नेतृत्व का बागडोर किसी हिंदू राजनेता के हाथ में है। इन सभी नेताओं पर देश की जनता और पार्टी भरोसा करती है और पूरी दुनिया में अपनी बेहतरीन राजनीति के लिए जाने जाते हैं। आईए एक-एक करके इन सभी राजनेताओं के बारे में जानते हैं-
ऋषि सुनक
ऋषि सुनक भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन गए हैं। करीब छह हफ्ते पहले वह इसी पद को लिज ट्रस से हार गए थे। लेकिन लिज ट्रस को अपनी खराब आर्थिक योजना के चलते महज 45 दिनों में ही इस्तीफा देना पड़ा। वे देश की आर्थिक नीतियों को ठीक से समझ नहीं पाईं और उनके एक फैसले ने बाजार में उथल पुथल मचा दी। ऐसे में देश का नेतृत्व करने के लिए एक बेहतर नेता की जरूरत आन पड़ी। ऋषि सुनक आज से 7 साल पहले ही पहली बार सांसद बने थे। लेकिन अपने इसी सफर में वह लगातार राजनीतिक ग्राफ पर ऊपर आते गए। जिसके चलते आज की स्थिति को अगर देखा जाए, तो पूरी कंजरवेटिव पार्टी में उनके बराबर कोई नेता नहीं है। इसी के चलते उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। ऋषि सुनक ने ऑक्सफॉर्ड विश्वविद्यालय और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय जैसे दुनिया के नामचीन शिक्षण संस्थानों से शिक्षा हासिल की है और वह भारतीय मूल के ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री बने हैं। 42 वर्षीय सुनक का जन्म ब्रिटेन के साउथेम्प्टन में एक भारतीय परिवार के यहां हुआ था। उनके दादा-दादी का ताल्लुक पंजाब से था।
नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज दुनिया के शिखर पर है। देश को प्रगति के मार्ग पर ले जाने वाले प्रधानमंत्री हिंदू समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। एक चाय बेचने वाला कभी देश के शीर्ष पद पर आसीन होगा उन्होंने कभी ऐसा सोचा न था। लेकिन मेहनत और देश के लिए कुछ करने की चाहत ने सब कुछ संभव कर दिखाया और साल 2014 से लेकर अब तक लगातार दो बार प्रधानमंत्री के तौर पर देश और जनता की सेवा कर रहे हैं। 17 सितंबर साल 1950 में वडनगर गुजरात में बेहद साधारण परिवार में जन्‍मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीति शास्त्र में एमए किया है। बचपन से ही उनका संघ की तरफ खासा झुकाव था और गुजरात में आरएसएस का मजबूत आधार भी था। वे 1967 में 17 साल की उम्र में अहमदाबाद पहुंचे और उसी साल उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सदस्यता ली। इसके बाद 1974 में वे नव निर्माण आंदोलन में शामिल हुए। इस तरह सक्रिय राजनीति में आने से पहले मोदी कई वर्षों तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे।
नेपाल के पीएम शेरबहादुर देउबा
शेरबहादुर देउबा लंबे वक्त से नेपाली कांग्रेस सभापति हैं। उन्होंने नेपाल के 40वें प्रधानमंत्री के रूप में साल 2017 में शपथ ली थी। इससे पहले 1995 से 1997 तक, फिर 2001 से 2002 तक और 2004 से 2005 तक नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। वे नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। राजनीति की बात करें तो देउबा ने 19 साल की उम्र में (1965) स्टूडेंट्स पॉलिटिक्स से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। साल 1965 से 1968 तक उन्होंने सुदूर-पश्चिमी छात्र समिति, काठमांडू के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। शेरबहादुर देउबा नेपाली कांग्रेस का एक सहयोगी संगठन, नेपाल छात्र संघ के संस्थापक सदस्य रह चुके हैं । 1960 और 1970 के दशक में पंचायत व्यवस्था के खिलाफ काम करने के लिए उन्हें अलग-अलग समय पर 9 साल की जेल भी हुई। फिर1980 के दशक में नेपाली कांग्रेस की राजनीतिक सलाहकार समिति के समन्वयक के रूप में भी उन्होंने अपना अहम योगदान दिया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा। शेरबहादुर देउबा हिंदू समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।
प्राविन्द जगन्नाथ
प्राविन्द जगन्नाथ 23 जनवरी, 2017 से मॉरीशस के प्रधानमंत्री पद को सुशोभित कर रहे है। 25 दिसम्बर 1961 को पवार में प्रतिष्ठित हिन्दू परिवार में जन्में प्राविन्द जगन्नाथ को बर्किघम यूनिवर्सिटी ने डॉक्टरेट की उपाधि दी है। इससे पूर्व इनके पिता अनिरुद्ध जगन्नाथ लगातार 18 वर्ष तक मॉरीशस के पीएम के पद पर रहे। भारत में मॉरीशस के उच्चायुक्त जगदीश्वर गोवर्धन ने बताया कि प्रधानमंत्री प्राविन्द जगन्नाथ के पूर्वज 1873 में जहाज से गन्ना बोने के लिए मॉरीशस गए थे, वे वहीं के हो गए। मॉरिशस में काफी सालों से एक हिंदू परिवार ही पीएम पद की शोभा बढ़ा रहा है।