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शिकारी खुद फंसा मुसीबत में, जाने कैसे बची गांव में घुस आयी लोमड़ी की जान

जलपाईगुड़ी। जंगल के पास बसे इलाकों में अक्सर जंगली जानवर शिकार की तलाश में रिहायशी इलाकों में घुस जाटी है और इस दौरान कई बार खुद इस तरह की मुसीबत में फंस जाते है। ऐसा ही एक मम्मला जलपाईगुड़ी शहर. . .

जलपाईगुड़ी। जंगल के पास बसे इलाकों में अक्सर जंगली जानवर शिकार की तलाश में रिहायशी इलाकों में घुस जाटी है और इस दौरान कई बार खुद इस तरह की मुसीबत में फंस जाते है। ऐसा ही एक मम्मला जलपाईगुड़ी शहर के मोहितनगर के जोड़दिघी इलाके में आया है, जहाँ एक लोमड़ी गांव में इस लिए घुसी थी कि पालतू पशुओं की शिकार कर सके, लेकिन वह खुद ही बड़ी मुसीबत में फंस गयी।
दरअसल मोहितनगर के जोड़दिघी इलाके के दिबाकर दास नमक व्यक्ति ने अचानक देखा कि प्लास्टिक के डिब्बे में एक लोमड़ी का मुंह फंसा हुआ है। पहले तो लोग डर गए, लेकिन बाद में इलाके के कुछ लोगों ने लोमड़ी को खतरे से निकालने की कोशिश की, लेकिन सभी कोशिशें नाकाम रहीं।
रात करीब 11 बजे ग्रीन जलपाईगुड़ी स्वयंसेवी संस्था के पर्यावरण प्रेमियों को इसकी सूचना दी गई। खबर मिलते ही ग्रीन जलपाईगुड़ी स्वयंसेवी संगठन के सचिव व पर्यावरण कार्यकर्ता अंकुर दास, वनकर्मी सौविक मंडल सहित ग्रीन जलपाईगुड़ी की टीम मौके पर पहुंच गई। काफी मशक्कत के बाद प्लास्टिक को काटकर लोमड़ी खतरे से मुक्त हो गई। डिब्बे से मुक्त होने के बाद लोमड़ी स्वस्थ होने के कारण उसे छोड़ दिया गया।
दिवाकर दास सहित स्थानीय निवासियों ने ग्रीन जलपाईगुड़ी की टीम को धन्यवाद दिया। ग्रीन जलपाईगुड़ी स्वयंसेवी संस्था के सचिव और पर्यावरणविद अंकुर दास ने कहा, वन विभाग के गरुमारा वाइल्ड लाइफ के कर्मचारी सौविक मंडल दादा की मदद से हमने सियार के मुंह से प्लास्टिक का डिब्बा काटकर उसे खतरे से निजात दिलाई।