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शिक्षक दिवस पर ममता ने शिक्षकों को शिक्षक रत्न देकर किया सम्मानित : कहा -‘सभी को गलती करने का है अधिकार, लेकिन मिलेगा न्याय’

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों को शिक्षक रत्न देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने झारग्राम में झारग्राम चांदराम विश्वविद्यालय का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। इस अवसर पर ममता. . .

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों को शिक्षक रत्न देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने झारग्राम में झारग्राम चांदराम विश्वविद्यालय का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। इस अवसर पर ममता बनर्जी ने कहा कि वह शिक्षा विभाग से कहेंगे कि सिलेबस में नैतिक चरित्र निर्माण को शामिल किया जाए। विशेषज्ञों की सहायता से इसका सिलेबस बनाया जाए और इसे पढ़ाई में शामिल किया जाए। उन्होंने शिक्षक भर्ती घोटाले का नाम लिए बिना बोला कि सुभाष चंद्र बोस ने कहा था कि सभी को गलती करने का अधिकार है, लेकिन वह कह सकती हैं कि जिनके साथ न्याय नहीं हुआ है, उन्हें न्याय मिलेगा।
उन्होंने कहा कि चरित्र गठन एक सिलेबस रहना उचित है। हम कितने रुपये की मालिक हैं। यह बड़ा नहीं है. पैसा आज है, कल नहीं रहेगा। हम खुद पर 100 प्रतिशत कंट्रोल कर पाएंगे। अब कितने लोभी होंगे। यह हम पर निर्भर करता है। हमारी पांचों अंगुलियां समान नहीं है।
सभी को एक नजर से देखना ठीक नहीं-बोलीं सीएम ममता बनर्जी
उन्होंने कहा कि समाज में अच्छे लोग भी हैं और खराब लोग भी हैं। एक खराब आदमी खराब किया और सभी को एक नजर से देखना ठीक नहीं है। कठहल के पेड़ में कभी आम नहीं होता है। कभी-कभी अच्छे लोग भी संगत में खराब हो जाते हैं। उन्हें अच्छा करना होगा। एक शिक्षक यदि कोई गलती करता है,तो हो-हल्ला मचता है, लेकिन उनके कामों को कोई नहीं देखता है। ममता बनर्जी ने कहा कि लोग पूछते थे कि वह राजनीति में क्यों आई हैं? वह सोने का चम्मच लेकर पैदा नहीं हुई थी। हमारे स्कूल के शिक्षक गर्वों में गर्व हैं। हमारा छात्र जिस तरह से तैयार हो रहा है. बंगाल पूरी दुनिया में मेधा को दखल कर लेगा।
शिक्षा विभाग चलाना, मतलब है कि राज्य चलाना
ममता बनर्जी कहा कि शिक्षा विभाग एक बड़ा विभाग है। इतना बड़ा विभाग चलाना एक राज्य चलाने जैसा है। इतना काम और इतनी समस्या है, जिसका कुछ कहना है। यह बहुत ही संवेदनशील विभाग है। उन्होंने कहा कि हमारा एक ही धर्म है और हम एकजुट हैं। धर्म व्यक्तिगत मामला है, लेकिन उत्सव सभी का है। शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने कहा कि इस साल प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक और मदरसा के 40 शिक्षकों और 21 कॉलेज अध्यापकों को शिक्षक रत्न का सम्मान प्रदान किया गया है।

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