नई दिल्ली । भारत के महानतम क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर सोमवार (24 अप्रैल) को 50 साल के हो गए। अपनी बल्लेबाजी से दुनिया भर के क्रिकेट फैंस का मन मोह लेने वाले तेंदुलकर पहले तेज गेंदबाज बनना चाहते थे। इसके लिए वह एमआरएफ पेस फाउंडेशन में भी गए थे, लेकिन वह अपने इस सपने को पूरा नहीं कर पाए। तेंदुलकर तेज गेंदबाज तो नहीं बन पाए, लेकिन एक महान बल्लेबाज जरूर बन गए।
तेंदुलकर 1987 में एमआरएफ पेस फाउंडेशन गए थे। तब वहां ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज तेज गेंदबाज डेनिस लिली निदेशक थे। उन्होंने सचिन को तेज गेंदबाजी छोड़ने के लिए कहा था। लिली ने तेंदुलकर से कहा कि वह गेंदबाजी की जगह बल्लेबाजी पर ध्यान लगाए। इस पर लिली ने एक बार कहा था कि वह इस बात को लेकर काफी शर्मिंदा थे कि उन्होंने सचिन की गेंदबाजी को खारिज कर दिया था।
बल्लेबाजी से किया था लिली को प्रभावित
जब सचिन एमआरएफ पेस फाउंडेशन में दोबारा गए तो वह 15 साल के थे। तब उन्होंने लिली को अपनी बल्लेबाजी से हैरान कर दिया। उन्होंने नेट्स पर लगातार दो चौके लगाकर लिली को प्रभावित किया था। लिली ने उस घटना का जिक्र करते हुए कहता था, ”जब सचिन 12 गेंद पर 48 रन बनाकर खेल रहा था तो मैंने मुख्य कोच टीए शेखर से पूछा था कि यह लड़का कौन है? इस पर शेखर ने मुझसे कहा कि यह वही है जो तेज गेंदबाज बनना चाहता था और आपने मना कर दिया था।”
लिली ने क्या कहा था?
लिली एमआरएफ पेस फाउंडेशन में 25 साल काम करने के बाद जब वह रिटायर हुए थे तो उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा था, ”सचिन को खारिज करके मैंने क्रिकेट और उसके लिए अच्छा काम किया था। मैंने क्रिकेट पर अहसान किया था। मैं उस घटना को कभी नहीं भूलूंगा। उसके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आगाज से पहले ही मुझे पता चल गया था कि वह एक दिन सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में एक बनेगा।”