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सुप्रीम कोर्ट का केंद्र, राज्य और बागी गुट को नोटिस, 5 दिन में मांगा जवाब; शिंदे गुट को बड़ी राहत, अयोग्य ठहराने पर लगी 12 जुलाई तक रोक

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एकनाथ शिंदे की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने और डिप्टी स्पीकर नरहरि जरवाल की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे। अदालत ने शिंदे गुट, महाराष्ट्र सरकार और शिवसेना की दलीलें सुनीं। इसके बाद कोर्ट ने विधायकों को अयोग्य ठहराने वाले डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर जवाब देने के लिए 12 जुलाई तक का वक्त तय किया। यह शिंदे गुट के लिए राहतभरा रहा।
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र भवन, डिप्टी स्पीकर, महाराष्ट्र पुलिस, शिवसेना विधायक दल के नेता अजय चौधरी और केंद्र को भी नोटिस भेजा है। कोर्ट ने सभी विधायकों को सुरक्षा मुहैया कराने और यथा स्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है। कहा कि फैसले तक कोई फ्लोर टेस्ट नहीं किया जाएगा। डिप्टी स्पीकर को अपना जवाब 5 दिन के भीतर पेश करना है। मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी।
इस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट को बड़ी राहत देते हुए अयोग्य ठहराए जाने वाले नोटिस पर जवाब देने के लिए 12 जुलाई शाम 5.30 बजे तक का समय दिया है। वहीं डिप्टी स्पीकर ने विधायकों को आज तक का ही समय दिया था। इस तरह शिंदे गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने पर फिलहाल रोक लग गई है।
विधायकों की सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया महाराष्ट्र सरकार को निर्देश
एकनाथ शिंदे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर समेत महाराष्ट्र विधानसभा के सचिव, केंद्र और अन्य को नोटिस जारी किया है। डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने एकनाथ शिंद व अन्य 15 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने का नोटिस दिया था। विधायकों की तरफ से जान की धमकी मिलने के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार विधायकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और ऐसे कदम उठाए कि उनकी संपत्ति को भी नुकसान न पहुंचे।
सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर कार्यालय के दस्तावेज मांगे
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विधानसभा के सक्षम अधिकारी से जवाब मांगा जाएगा कि उन्हें अपने खिलाफ प्रस्ताव मिला था या नहीं? सख्त लहजे में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या डिप्टी स्पीकर अपने ही मामले में जज बन गए हैं और प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। डिप्टी स्पीकर के वकील ने कहा कि ईमेल के माध्यम से भेजा गया निष्कासन का प्रस्ताव प्रामाणिक नहीं है। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डिप्टी स्पीकर कार्यालय के सभी रेकॉर्ड देखे जाएंगे।
सरकार की तरफ से पेश हुए थे अभिषेक मनु सिंघवी
सुप्रीम कोर्ट ने पहले शिंदे गुट की दलीलें सुनीं। वकील ने कहा कि शिंदे गुट का कहना है कि उद्धव सरकार अल्पमत में है। इसके अलावा उन्होंने दावा किया कि गुवाहाटी के होटल में ठहरे विधायकों को जान से मारने की धमकी दी जा रही है। इसके बाद उद्धव सरकार की तरफ से पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, शिंदे की याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट में भी सुनवाई हो सकती थी। उन्होंने कहा कि जब एक स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लंबित है तो क्या ऐसे में अयोग्यता याचिकाओं पर कोई फैसला किया जा सकता है?


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