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हे भगवान ! पहले सांप अब मिड-डे-मील में छिपकली और चूहा, आफत में बंगाल के बच्चों की जान

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मालदा । ऐसा लग रहा है कि पश्चिम बंगाल अब मिड-डे-मील के नाम पर बच्चों के जान और सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है, क्योंकि एक के बाद एक ऐसे मामले सामने आ रहे है, जो दिल को दहलाने वाले है। कुछ दिन पहले ही बीरभूम जिले में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई थी। यहां पर कई स्कूली बच्चों को खाना खाने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। बच्चों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। जांच में सामने आया कि मयूरेश्वर प्रखंड के एक प्राथमिक विद्यालय के मिड डे मील में जो दाल बच्चों को खाने में दी गई थी, उसके बर्तन में सांप पड़ा था। बीरभूम जिले में मिड डे मील में मरा हुआ सांप मिला था। यह बात सामने आने के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। कई अभिभाव एकत्र हो गए और शासन-प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि अभिभावकों ने स्कूल के प्रधानाध्यापक पर हमला किया और उनके दोपहिया वाहन में तोड़फोड़ की थी।
लेकिन लापरवाही की इंतहा यहीं ख़त्म नहीं हो हुई है, अब मालदा जिले के एक स्कूल में बुधवार को मिड-डे-मील में मरी हुई छिपकली और चूहा मिलने का मामला सामने आया है। मालदा जिले के साहूल गाछी विद्यानंदपुर प्राइमरी स्कूल का ये मामला है। घटना सामने आने के बाद मालदा के डीएम नितिन सिंघानिया ने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है। दरअसल प्राइमरी स्कूल में मिड डे मील की बोरियों में चूहे और छिपकली मिलने का मामला सामने आने के बाद कुछ बच्चों के परिजनों ने स्कूल के बाहर जमकर हंगामा किया था। परिवारों का आरोप है कि स्कूल में छात्रों के मिड डे मील में चावल की बोरी में मरा हुआ चूहा और दाल की बोरी मे एक मरी हुई छिपकली मिली है। जैसे ही ये बात फैली तो बड़ी संख्या में लोग स्कूल पहुंच गए। स्कूल परिसर में स्कूल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मामले में जांच की मांग की है।
स्थानीय निवासी इस दृश्य को देखते ही उन्होंने स्कूल के कार्यवाहक प्रधानाध्यापक घेर कर विरोध जताया। अभिभावकों का आरोप है कि छात्रों को रूटीन के हिसाब से खाना नहीं दिया जाता है। अंडे, मछली और मांस लंबे समय तक नहीं दिया जाता है। चावल भी उचित मात्रा में नहीं दिया जाता है। साथ ही सब्जियों का भी यही हाल है। बुधवार को लगभग 45 छात्रों के लिए 500 ग्राम दाल पकाई गई थी।
रसौइया तमिना बीबी ने मीडियाकर्मियों को बताया कि स्कूल के प्रभारी शिक्षक को बताकर भी समस्या का समाधान नहीं होता है। इधर पानी के अभाव में स्कूल का शौचालय भी बंद पड़ा है। अभिभावकों का कहना है कि छात्र स्कूल के पीछे खुले में शौच करते हैं। ग्रामीण स्कूल के माहौल को लेकर सभी चिंतित हैं। प्राथमिक विद्यालय के कार्यवाहक प्रधानाध्यापक उज्ज्वल साहा ने सभी घटनाओं से इनकार किया है। उन्होंने दावा किया किमिड-डे-मिल का भोजन नियमानुसार परोसा जाता है। चांचल महकमाशासक कल्लोल राय ने कहा कि, बीडीओ को जांच के लिए कहा जा रहा है। साथ ही गुणवत्ता में कमी पाये जाने पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।


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