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हो जाये सावधान ! ऑनलाइन जुआ ले रहा है लोगों की जान, फ्री का लालच देकर एकाउंट हो जाता है ख

17 साल का अश्विनी बस कुछ दिन पहले ही एक्जाम देकर फ्री हुआ था और घर में फ्री टाइम इंजॉय कर रहा था। इन दिनों उसका ज्यादातर टाइम इंटरनेट पर ही बीत रहा था। माता-पिता ने पूछा तो बता दिया. . .

17 साल का अश्विनी बस कुछ दिन पहले ही एक्जाम देकर फ्री हुआ था और घर में फ्री टाइम इंजॉय कर रहा था। इन दिनों उसका ज्यादातर टाइम इंटरनेट पर ही बीत रहा था। माता-पिता ने पूछा तो बता दिया कि वो इंटरनेट पर कुछ पढ़ाई कर रहा है, लेकिन कहानी कुछ और थी। दरअसल अश्विनी ऑनलाइन गैम्बलर्स के जाल में फंस चुका था। कुछ दिन पहले ही उसे इंटरनेट सर्फिंग के दौरान एक मैसेज मिला जिसमें उसे कुछ गेम खेलने पर फ्री गिफ्ट्स मिलने की बात कही गई। अश्विनी ने वैसा ही किया और वो करीब दो सो रूपये का एक फ्री गिफ्ट भी जीत गया। बस अब क्या था, 17 साल का ये लड़का इस गेम का दीवाना हो गया। ये शुरूआत थी अश्विनी के एक ऐसे नशे में पड़ने की जिसकी कल्पना भी आप नहीं कर सकते।
गैम्बलिंग के जाल से सावधान!
ऑनलाइन गैम्बलिंग यानी इंटरनेट पर खेले जाने वाला जुआ कितना खतरना हो सकता है आप सोच भी नहीं सकते। एक छोटे से गिफ्ट को देकर अश्विनी को अपने जाल में फंसाया गया। कुछ ही समय में अश्विनी इस गेम का इस कदर दीवाना हुआ कि उसने इसे खेलने के लिए अपने दोस्तों से पैसे उधार लेने शुरू कर दिए। यहां तक की उसने घर का छोटा-मोटा सामान भी बेचना शुरू कर दिया ताकी उससे मिलने वाले पैसे से वो ऑनलाइन गैम्बलिंग कर सके। अश्विनी जितना इस गेम को खेलता उसका लालच उतना ही बढ़ता जाता और इसलिए उसने अपने पिता के अकाउंट से पैसे निकालने भी शुरू कर दिए। जब बैंक अकाउंट से पैसा जाने लगा तो अश्विनी के पिता ने उससे सवाल किया लेकिन वो साफ तौर पर मुकर गया। अपने बेटे की बात मानते हुए अश्विनी के पिता को लगा कि शायद ये ऑनलाइन धोखाधड़ी है, जिसकी शिकायत उन्होंने पुलिस में भी की लेकिन जब उन्हें हकीकत पता चली तो उनके पैरो तले जमीन खिसक गई। अश्विनी को ऑनलाइन गैम्बलिंग की लत पड़ चुकी थी। उसके पिता ने जब उसे रोकने की कोशिश की तो नहीं माना उल्टा उसने अपने पिता पर हाथ उठा दिया। अश्विनी के माता-पिता समझ चुके थे कि उनका बेटा इस जुए की वजह से मानसिक रूप से बीमार हो चुका है और कभी भी कोई भी बुरा कदम उठा सकता है। अश्विनी को तुरंत साइकिएटरिस्ट को दिखाया गया और उसका इलाज किया गया।
पढ़े-लिखे लोग हो रहे हैं शिकार
अब एक और शख्स की कहानी को जान लीजिए। अश्विनी की तरह ही हैदराबाद में रहने वाला एक इंजीनियर को भी ये लत इस कदर लगी कि वो जेल पहुंच गया। पढ़ा-लिखा, पेशे से इंजीनियर एक शख्स अपने दोस्त से 5 लाख उधार लेता है और इन पैसों को ऑनलाइन गैम्बलिंग में लगा देता है। वो सारा पैसा हार जाता है लेकिन लत ऐसी कि वो इसी गेम में और पैसा डालना चाहता है। इस बार वो उधार नहीं लेता बल्कि अपने एक दोस्त के घर से सोने की ज्वेलरी चुराने की कोशिश करता है और पकड़ा जाता है। ये ऑनलाइन जुआ इस इंजीनियर को जेल तक पहुंचा देता है। मुंबई का एक चार्टेड एकाउंटेट भी इस ऑनलाइन गैम्बलर्स के जाल का शिकार होता है। ये चार्टेड अकाउंट को इस जुए की ऐसी आदत पड़ती है कि वो धीरे-धीरे करके अपनी कंपनी में 15 करोड़ का घोटाला कर डालता है। जब हकीकत सामने आती है तो हर कोई चौंक जाता है।
जान भी ले रही है गैम्बलिंग
ये वो चंद मामले हमने आपको बताए जहां इस लत में लोगों ने सिर्फ पैसा ही लगाया है, लेकिन कई ऐसे मामले भी हैं जहां लोगों ने इसकी वजह से जान भी गंवा दी। ऐसा ही एक दुर्भाग्यपूर्ण मामला 2021 में मध्यप्रदेश के छत्तरपुर में सामने आया। छत्तरपुर का रहने वाला 13 साल का कृष्णा जब इस गैम्बलिंग में 40 हज़ार रूपये हार गया तो उसने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। दरअसल कृष्णा ने अपनी मां के अकाउंट से 40 हजा़र रूपय निकाले थे लेकिन जब तक मां को पता चलता तब तक बेटा दुनिया को अलविदा कह चुका था। इसी तरह का एक और बेहद दुखद खबर इस साल मिली। भोपाल के सेंट जेवियर स्कूल में पढ़ने वाले पांचवीं के एक स्टूडेंट ने भी ऑनलाइन गेमिंग की वजह से अपनी जान दे दी। इस बच्चे को भी इस छोटी सी उम्र में इसे खेलने की लत पड़ गई थी।
फ्री का लालच देकर शुरूआत
ये तो चंद केस है जिन्हें हमने अपनी रिपोर्ट में लिखा पा रहे हैं लेकिन इस तरह से हज़ारों लोग इस खतरनाक ऑनलाइन गैम्बलिंग का शिकार हो रहे हैं। अब जरा समझिए ये ऑनलाइन गैम्बलिंग है क्या? दरअसल ये सोच समझकर फैलाया जा रहा एक ऐसा जाल है जिसका मकसद लोगों को इसमे फंसाकर पैसा एंठना है। आप कभी इंटरनेट सर्फ कर रहे हो तो बीच में इस तरह के कई लिंक्स आपको देखने को मिलते हैं, जो कहते हैं कि अगर आपने इस गेम को खेला तो आपके अकाउंट में कुछ पैसा ट्रांसफर हो जाएगा या फिर आपको कोई फ्री गिफ्ट दिया जाएगा। बार-बार इस तरह के मैसेज या तो मेल पर, या फिर साइट्स को खोलते समय नज़र आते हैं और लोग इनके जाल में फंस जाते हैं।
लोगों को लगाई जाती है लत
फ्री गिफ्ट्स या पैसे के चक्कर में लोग इन गेम्स को खेलना शुरू करते हैं। कई सारी कंपनी इस तरह की ऑनलाइन गैम्बलिंग को बढ़ावा दे रही हैं। कई बार तो शुरू में ये कंपनियां लोगों को लुभाने के लिए छोटा-मोटा अमाउंट या फिर कोई फ्री वाउचर्स दे भी देती हैं। एक बार जैसे ही पैसा गेम खेलने वाले के अकाउंट में आता है तो उसे लगता है कि ये गैम्बलिंग बहुत फायदे की चीज़ है और फिर वो धीरे-धीरे इसके जाल में फंसता ही चला जाता है।ऑनलाइन गैम्बलिंग वाली ये कंपनी इस तरह से काम करती है कि लोगों को इस की लत पड़ जाती है। जब आप इसमें गैंम्बलिंग करते हैं तो कई बार आप जीतते हैं तो ये कंपनी आपके नाम पर कॉइन्स जमा करती हैं, ये दिखाया जाता है कि अब आपके पास लाखों रूपये के कॉइन्स हैं लेकिन जब आप इन्हें निकालने की कोशिश करते हैं तो आपको कोई लुभावनी डील देकर ये करने से रोका जाता है या फिर ये कहा जाता है कि गेम पूरा होने पर ही आप इन रूपयों को अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं।
तेजी से फैल रहा है जाल
इंटरनेट पर इस तरह की गैम्बलिंग पर कई गेम बनाए गए हैं। तीन पत्ती, रमी, कसीनो, ब्लैक जैक, पोकर, ना जाने कितने ही एप हर साल लाखों लोगों को इस मानसिक बीमारी का शिकार बना रहे हैं। कोविड के दौरान इस तरह की साइट्स में काफी ज्यादा इजाफा हुआ है और पहले के मुकाबले अब और ज्यादा लोग इन साइट्स का शिकार बन रहे हैं। पिछले दो सालों में इस इंड्रस्ट्री में 40 प्रतिशत तक की तेजी देखी गई है। आप सुनकर हैरान रह जाएंगे, ऑनलाइन गैम्बलिंग इंडस्ट्री की हर साल की इनकम दस हज़ार करोड़ से ज्यादा है। जरा सोचिए ये पैसा कहां से आता है। दरअसल ये वो ठगी है जिसमें पीड़ित शख्स आखिरी तक ये नहीं समझ पाता कि वो एक बहुत बड़े रैकेट का हिस्सा बन चुका है और जब समझ आता है तब तक वो अपना सारा पैसा गंवा चुका होता है।
नहीं है कोई सख्त कानून
ऑनलाइन गैम्बलिंग को लेकर कोई सख्त कानून अब तक नहीं बना है। अलग अलग राज्यों में इसको लेकर अलग अलग कानून हैं, जिसका फायदा इस तरह की कंपनियां उठा रही हैं। कानून की नज़र में इंटरनेट पर मौजूद ऑनलाइन गेम्स को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है – एक चांस गेम और दूसरे स्किल गेम। चांस गेम यानी जिसमें आपको सिर्फ किस्मत अजमानी है, इस तरह के गेम्स को गैम्बलिंग माना जाता है, जो पूरी तरह से अवैधानिक है। वही अगर किसी गेम को खेलने के लिए आपको मेहनत करनी पड़ रही है या फिर आपका स्किल उसमें चाहिए तो वो गेम लीगल माना जाता है, लेकिन ज्यादातर कंपनी सख्त कानून न होने का फायदा उठाती है और धड़ल्ले से लोगों को ठगती हैं।