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अंधेरे में डूबा चंडीगढ़, 36 घंटे से अधिक समय तक बिजली नहीं आने से लोग हलकान, पहुंची आर्मी

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चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ 36 घंटे से अंधेरे में डूबी हुई है। शहर में सोमवार रात से बिजली संकट जारी है। स्थिति ये है कि लोगों के घरों में लगे इनवर्टर जवाब दे गए हैं। मोबाइल की बैटरी खत्म होने लगी है, जिससे लोग परेशान हैं। एस्मा लागू होने के बावजूद बिजली कर्मचारी हड़ताल को खत्म करने के लिए राजी नहीं है।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मामले में संज्ञान लेते हुए बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर को पेश होने के लिए कहा था। बिजली कर्मियों की हड़ताल पर चंडीगढ़ हाई कोर्ट को बताया कि रात 10 बजे तक पूरे शहर की बिजली बहाल कर दी जाएगी। अभी तक 80 प्रतिशत बिजली बहाल की जा चुकी है। सेना का टेक्नीकल विंग बिजली बहाल करने में जुटा है। वहीं, हाई कोर्ट ने साफ कर दिया है कि यह मामला सीधे तौर पर अवमानना का है, जब मामला हाई कोर्ट में पेंडिंग है तो बिजली विभाग के कर्मचारियों का इस तरह हड़ताल पर जाना पूरी तरह से गलत है। हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई वीरवार तक स्थगित करते हुए कहा है कि पहले पूरे शहर की बिजली बहाल की जाए आगे के आदेश कल दिए जाएंगे।
चंडीगढ़ प्रशासन ने सेना से मदद की मांग की थी। मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस की टीम वेस्टर्न कमांड चंडीमंदिर से चंडीगढ़ पहुंच गई है। यह टेक्नीकल टीम बिजली सप्लाई को चालू कर रही है। हालांकि बताया जा रहा है कि बिजली सप्लाई को पूरी तरह से दुरुस्त करने में टाइम लग जाएगा। वहीं, चंडीगढ़ प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित के एडवाइजर ने बिजली कर्मचारी यूनियन नेताओं की मीटिंग बुलाई है। जिसमें कर्मचारियों की मांगों को लेकर बात हुई, लेकिन फिर भी कोई फैसला नहीं आया है। उधर, इसके विरोध में चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग कुछ देर बाद बसों का चक्का जाम करने की धमकी दी है।
ऐसे में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल को खत्म कराने के लिए प्रशासन ने एस्मा के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है। बिजली कर्मचारी संगठनों के 4 नेताओं को पुलिस ने हिरासत में भी लिया है। पुलिस ने नेशनल को-आर्डिनेशन कमेटी आफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर के वरिष्ठ सदस्य व इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष लांबा के साथ यूटी पावरमैन यूनियन के प्रधान ध्यान चंद व महासचिव गोपाल दत्त जोशी को सेक्टर-22 स्थित सूद धर्मशाला ले जाकर हिरासत में लिया।
जैसे ही इसकी सूचना दूसरे कर्मचारियों को मिली वह भी यहां पहुंचने लगे। चंडीगढ़ के दूसरे कर्मचारी संगठनों के नेता भी यहां एकजुट होने लगे। कोऑर्डिनेशन कमेटी के कन्वीनर अश्विनी कुमार भी यहां पहुंचे। साथ ही आम आदमी पार्टी के पार्षद दमनप्रीत सहित कई आप नेता यहां पहुंचे। कई दूसरे राजनीतिक दलों के प्रतिनिधी भी पहुंचे। इसके बाद पुलिस भीड़ जुटते देख यूनियन के मुख्य लीडर को यहां से दूसरी जगह ले गई। यूनियन के प्रतिनिधियों को अंडरग्राउंड कर हड़ताल को तोड़ने की तैयारी की गई है। मुख्य चेहरों को हटाकर बाकी कर्मचारियों को काम पर लाने की कोशिश हो रही है। खासकर 400 आउटसोर्स वर्कर्स को तुरंत ड्यूटी पर लाने का प्रयास हो रहा है। जिससे बिजली को किसी भी तरह से बहाल कराया जा सके। साथ ही रेगुलर इंप्लाइज को भी तोड़ा जा रहा है। प्रशासन ने एस्मा लगाकर मंगलवार शाम को ही कर्मचारियों को तुरंत ड्यूटी ज्वाइन करने के आदेश दिए थे। हालांकि उसके बाद भी कर्मचारी काम पर नहीं लौटे। शहर का बड़ा हिस्सा रातभर अंधेरे में डूबा रहा।
कर्मचारी नेता गोपाल दत्त जोशी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें वह हड़ताल खत्म करने का ऐलान कर रहे हैं। जोशी कह रहे हैं कि उन्होंने हड़ताल वापस ले ली है। बाकी कर्मचारी भी काम पर लौट जाएं। हालांकि कर्मचारी संगठन आरोप लगा रहे हैं कि यह वीडियो पुलिस प्रशासन ने जोर जबरदस्ती कर्मचारी नेताओं से बनवाई है। अभी भी कर्मचारी हड़ताल खत्म करने को तैयार नहीं है।


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