नई दिल्ली। पक्षियों को उड़ते हुए देखा तो प्लेन बनाने की प्रेरणा मिली लेकिन अब इंसान खुद उड़ रहा है। जी हां, आपने कई वायरल वीडियो देखे होंगे जिसमें इंसान खड़े-खड़े उड़ने लगता है। नहीं देखा तो नीचे देखिए पिछले दिनों ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में एक युवा ने शेर के ड्रेस में उड़ने वाला डांस कर लोगों की खूब तालियां बटोरी। यह कोई जादू नहीं है, सच में ऐसा अब संभव हो गया है। Flying machine हकीकत बन चुका है। अब भारतीय सेना इसका इस्तेमाल करने जा रही है। दरअसल, वक्त के साथ चुनौतियां बढ़ीं तो साइंस ने नए-नए प्रयोग करने शुरू कर दिए। सैनिकों के लिए एक झटके में दर्जनों गोलियां बरसाने वाली गन तैयार हुई, महीनों ‘कूल’ रखने वाले ड्रेस और हेलमेट हमारे पास हैं। अब दुनियाभर के देश फ्यूचर आर्मी तैयार कर रहे हैं। भारत भी पीछे नहीं रह सकता इसलिए सेना जेटपैक सूट खरीदने जा रही है। Jetpack Suit जैसा नाम से ही पता चलता है कि यह ऐसा सूट है जिसे पहनकर इंसान जेट बन जाता है। आयरन मैन की स्टाइल वाले इस सूट की बाजार में कीमत 3 से 4 करोड़ रुपये बताई जाती है। हालांकि सेना ने यह नहीं बताया है कि वह किस रेट पर सूट खरीदेगी। गैस टरबाइन इंजन से चलने वाले इस सूट को पहनकर सैनिक 10 से 15 मीटर हवा में उड़ सकेंगे।
भारत के सामने आज चुनौतियां बढ़ गई हैं। पश्चिमी बॉर्डर पर पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। इधर, चीन डोकलाम, पूर्वी लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में दुस्साहस कर रहा है। ह्यूमन फ्लाइट स्टार्टअप ‘ग्रैविटी’ जैसी कंपनियां सेना के लिए ऐसे सूट तैयार कर रही हैं। इंडियन आर्मी ने ऐसे ही सूट के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल जारी कर दिया है। सेना 48 जेटपैक सूट खरीदने जा रही है। मतलब फिल्मों की तरह बॉर्डर पर तैनात सैनिक भी विषम परिस्थितियों में उड़ते दिखाई देंगे। सेना ने साफ कहा है कि इसे भारतीय वेंडर के जरिए खरीदा जाएगा। एक कंपनी ने बताया है कि इस तरह के सूट में पांच गैस टर्बाइन जेट इंजन लगे होते हैं जो करीब 1000 हॉर्सपावर की ऊर्जा पैदा करते हैं। यह सूट जेट फ्यूल, डीजल या केरोसिन से भी चल सकता है। यूजर अपने हाथों के मूवमेंट से जेटपैक को दिशा दे सकते हैं।
फायदे के हिसाब से समझिए तो पहाड़ी क्षेत्र हो, रेगिस्तान, बर्फीला या फिर दुश्मन से मिली चुनौती के समय ऐसे सूट जवानों की मोबिलिटी को क्रांतिकारी रूप से बदल देंगे। संभव है कि दुश्मन की अचानक हरकत पर फौरन कमांडोज उड़कर जवाब देने की स्थिति में पहुंच सकें। इस सूट का वजन 40 किलोग्राम तक होगा। इसमें सिस्टम कुछ इस तरह से होता है कि जवान जब चाहे उड़ सकते हैं और लैंड कर सकते हैं।
आपको जानकर शायद ताज्जुब हो कि जेटपैक सूट पहनकर इंसान 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकेगा। 1-2 मिनट नहीं 8 मिनट तक जवान धरती से ऊपर उड़ सकेंगे। माइनस में तापमान हो या 45 डिग्री वाली तपती धूप यह सूट अच्छी तरह से काम करता रहेगा। यह 80 किलोग्राम से ज्यादा वजन उठा सकता है।
रोबो खच्चर भी खरीदे जा रहे
तैयारी किस स्तर पर चल रही है, इसे ऐसे समझिए कि सेना अब ‘रोबो खच्चर’ भी खरीदने का प्लान बना रही है। नहीं, यह जानवर नहीं होगा। इसका नाम रोबो खच्चर इसलिए है क्योंकि यह ऐसी मशीन होगी जो खच्चर का काम करेगी। नहीं समझे? दरअसल सेना अभी रसद आपूर्ति एवं दूसरी चीजों को लाने-ले जाने के लिए खच्चरों का इस्तेमाल करती है। ऊबड़-खाबड़ वाले इलाके में परिवहन का दूसरा साधन इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। सेना अब 100 रोबो खच्चर खरीदने जा रही है। यह भी स्वदेशी कंपनियों से ही खरीदे जाएंगे।
यह रोबोट भी जानवर की तरह चार पैरों वाला ही होगा। बताया गया है कि इसकी लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई 1 मीटर होगी। इस मशीनी खच्चर का वजन 60 किलो तक होगा। इसे 4000 मीटर की ऊंचाई में इस्तेमाल किया जा सकेगा। एक रोबो खच्चर करीब 10 साल तक चलता रहेगा। मतलब फ्यूचर आर्मी की तैयारी जोरों पर है।
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