मालदा। मालदा शहर के महनंदा सहित अन्य नदी किनारे बसे सैकड़ों परिवार हर साल बारिश के मौसम में बेघर हो जाते हैं। बेसहारा परिवारों को साल में लगभग तीन से चार महीने शहर के सड़कों के किनारे या खुले स्थानों पर बने अस्थायी पॉलीथिन टेंट में रहना पड़ता है। हर साल महानंदा का जलस्तर बढ़ते ही परिवारों की दुर्दशा की तस्वीर सामने आ जाती है। अंतत: जिला प्रशासन नदी किनारे रहने वाले परिवारों की इस समस्या के समाधान के लिए आगे आया।
इस बार इंगलिशबाजार शहर में फ्लड सेंटर बनाया जाएगा। अभी तक मालदह शहर में बाढ़ प्रभावितों के रहने की कोई जगह नहीं थी। नगर पालिका अध्यक्ष की व स्थानीय नगर पार्षदों की ओर से कई बार राज्य सरकार से गुहार लगाई गई। अंतत: वर्तमान जिलाधिकारी के प्रयास से समस्या का समाधान होने जा रहा है। राज्य सरकार बाढ़ केंद्रों के निर्माण के लिए पहले ही धन आवंटित कर चुकी है। अगले कुछ दिनों में फ्लड सेंटर बनाने का काम शुरू होने जा रहा है।
इंगलिशबाजार नगर पालिका के सूत्रों के अनुसार इस बाढ़ केंद्र के निर्माण पर 61 लाख रुपये खर्च किये जायेंगे। मालदह कस्बे के बलूचर क्षेत्र में जिला खेल संघ के मैदान के बगल में खाली जगह है। वहां तीन मंजिला इमारत बनाने की योजना है। तीन मंजिल पर करीब 150 परिवार रह सकते हैं।
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