यूनिवर्स टीवी डेस्क। देश में अमीरों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है और इसका सबूत है दुनिया के टॉप धनवानों की लिस्ट में भारतीय का बढ़ता वर्चस्व। देश की दौलत को लेकर एक कड़वी सच्चाई ये भी है कि कहा जाता है कि अमीर और अमीर हो रहे हैं जबकि गरीब और गरीब हो रहे हैं। अब एक ऐसी रिपोर्ट आई है जिससे ये बात और भी साफ तौर पर दिखाई दे रही है कि यहां के दौलतमंदों के पास देश की ज्यादातर संपत्ति आ चुकी है यानी अमीर और गरीब के बीच की खाई का अंतर और गहरा हो गया है।
बढ़ रहा अमीर-गरीब के बीच का फासला
आज एक नई स्टडी के मुताबिक देश की 40 फीसदी से ज्यादा दौलत का हक देश के एक फीसदी सबसे ज्यादा अमीरों के पास है। वहीं देश की 50 फीसदी जनसंख्या के पास कुल मिलाकर देश की केवल 3 फीसदी वैल्थ ही बरकरार है।
ऑक्सफेम इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट में सामने रखे गए तथ्य
वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की सालाना बैठक के दौरान ऑक्सफेम इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट आई है जिसके मुताबिक ये बताया गया है कि अगर भारत के 10 सबसे धनवान लोगों पर 5 फीसदी की दर से टैक्स लगाया जाए तो ये पूरा पैसा इतना हो जाएगा जिससे देश के बच्चों को वापस स्कूल भेजा जा सकेगा।
गौतम अडानी के ऊपर टैक्स का है उल्लेख
ऑक्सफेम की रिपोर्ट के मुताबिक अगर देश के सबसे अमीर शख्स अरबपति गौतम अडानी के अनरियलाइज्ड गेन्स पर वन-ऑफ टैक्स लगाया जाए तो ये करीब 1.79 लाख करोड़ रुपये बैठेगा। इतनी रकम से देश में एक साल के लिए पचास लाख प्राइमरी टीचर्स से ज्यादा को नौकरी पर रखा जा सकता है। ऑक्सफेम की रिपोर्ट जिसका शीर्षक ‘Survival of the Richest’ है, में आगे कहा गया है कि भारत में अमीरों की नेटवर्थ बढ़ती जा रही है और गरीबों के लिए साधारण जीवनयापन करना भी मुश्किल होता जा रहा है।