अयोध्या। रामभक्तों का 500 सालों का इंतजार जल्द ही खत्म होने जा रहा है, आखिर वह घड़ी आने ही वाली है, जिसका इंतज़ार करोड़ों हिन्दू कर रहे थी । आराध्य के मंदिर का गर्भ गृह समेत भूतल बनकर तैयार है। मंदिर ने आकर लिया तो उसको फाइनल टच दिया जा रहा है एक-एक चीजों को बारीकी से प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयार किया जा रहा है।
95 फ़ीसदी काम हो चुका है पूरा
भगवान राम के मंदिर के प्रथम चरण का कार्य लगभग 95 फ़ीसदी दी पूरा हो चुका है मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए बनकर तैयार हो चुका है मंदिर में अब खिड़की और दरवाजे लगाए जा रहे हैं। राम मंदिर के प्रथम तल में लगभग 167 स्तंभ लगाए गए हैं हर स्तंभ पर देवी देवताओं की मूर्तियों के लिए जा रही है। तस्वीरों में आप गणपति बप्पा की प्रतिमा देख रहे हैं। दिसंबर 2023 तक मंदिर के प्रथम चरण का कार्य पूरा कर लिया जाए मंदिर का निर्माण इन दोनों 24 घंटे किया जा रहा है ताकि जनवरी 2024 के शुभ मुहूर्त में भगवान राम अपने भव्य महल में विराजमान हो सके।
22 जनवरी को अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
यह पहले ही घोषणा की जा चुकी है कि 2024 में, सोमवार के दिन, 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। उसके बाद राममंदिर भक्तों के लिए खुल जाएगा। रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्रट्रस्ट ने प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम का निमंत्रण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेजा था। इंडिया टीवी के पॉलिटिकल एडिटर देवेन्द्र पाराशर ने जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने 22 जनवरी की तिथि पर सहमति दे दी है। मोदी अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले एतिहासिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे और रामलाल की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे।
गर्भगृह में ही रामलला विराजमान होंगे
अयोध्या में बन रहे भव्य और दिव्य राम मंदिर के गर्भगृह का काम करीब करीब पूरा हो गया है। गर्भगृह में ही रामलला विराजमान होंगे, जिसके दरवाजों में स्वर्ण कलाकृतियां बनाई जाएंगी। रामलला के गर्भगृह में मकराना के संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है। गर्भ गृह के अलावा मंदिर में पांच मंडप हैं – गूढ़ मंडप, रंग मंडप, नृत्य मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप। इन पांचों मंडपों के गुंबद का आकार 34 फीट चौड़ा और 32 फीट लंबा है। मकर संक्रांति के एक हफ्ते के बाद शुभ मुहूर्त में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा भी हो जाएगी। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम करीब सात दिनों तक चलेगा, जिसके बाद देश-विदेश से आने वाले भक्त नए मंदिर में रामलला के दर्शन कर पाएंगे। गर्भगृह के प्लिंथ का काम पूरा हो चुका है, मंदिर की दीवारें भी बन चुकी हैं। अब दीवारों पर नक्काशी का काम हो रहा है। आजकल राममंदिर में रामलला के गर्भगृह के ऊपरी हिस्से पर निर्माण कार्य चल रहा है। ये काम चार महीने के बाद अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद मंदिर में लकड़ी का काम शुरू होगा। इसमें मंदिर के दरवाजे, खिडकियां और लकड़ी की नक्काशी का काम होगा। मंदिर में द्वार बनाने के लिए महाराष्ट्र के चंद्रपुर से सागौन की लकड़ी अयोध्या पहुंच चुकी है। चन्द्रपुर की सागौन की लकड़ी सबसे अच्छी और मजबूत मानी जाती है। इसकी लाइफ कम से कम एक हजार साल तक होती है। लकड़ी का काम शुरू होने से पहले काष्ठ पूजा इसी महीने के अन्त तक हो सकती है, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मौजूद रहेंगे।
राम मंदिर को अगले 1 हजार साल तक नहीं होगी किसी प्रकार की कोई क्षति
रामलला का भव्य मंदिर कई मायनों में बेहद खास है। ये भूकंपरोधी इमारत है। दावा ये किया जा रहा है कि राम मंदिर को अगले 1 हजार साल तक किसी प्रकार की कोई क्षति नहीं होगी। 161 फीट ऊंचे मंदिर में कहीं भी लोहे का इस्तेमाल नहीं किया गया है। पत्थर को जोड़ने के लिए तांबे की छड़ों का इस्तेमाल किया गया है। 392 नक्काशीदार खंभों पर टिके मंदिर के गर्भ गृह को सफेद मार्बल से बनाया जा रहा है। मंदिर में दरवाजे की चौखट, फर्श, गर्भ गृह का द्वार भी मकराना के सफेद मार्बल से बनाया जा रहा है। इस पत्थर पर बारीक नक्काशी भी की जा रही है, जो देखने में अद्भुत है। मकराना के सफेद मार्बल की खासियत होती है कि ये 100 साल तक अपना रंग नहीं बदलते । मकर संक्रांति से पहले मंदिर का पहला फ्लोर पूरा तरह तैयार हो जाएगा।
भक्तों के लिए 22 जनवरी से खुल जायेगा मंदिर
22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। इसके बाद 71 एकड़ में फैले परिसर में दूसरे मंदिर और मंडप बनाने का काम चलता रहेगा। राम मंदिर करोड़ों लोगों की श्रद्धा का केंद्र है, इसलिए इसका निर्माण एक राजनीतिक संदेश भी होगा। राम मंदिर का निर्माण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उन ऐतिहासिक संकल्पों में से एक है, जिसे उन्होंने सिद्धि तक पहुंचाया।
5 अगस्त 2020 को रखी गयी थी मंदिर की आधारशिला
5 अगस्त 2020 को मोदी ने राम मंदिर की आधारशिला रखी थी और सिर्फ साढ़े तीन साल में ये मंदिर बनकर तैयार हो रहा है। जिस रफ्तार से ये काम हुआ वो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। हैरानी की बात ये है कि आजादी के बाद नरेन्द्र मोदी ऐसे पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन किए। इसके बाद उन्हीं के कार्यकाल में अब रामलला टेंट से निकलकर भव्य और दिव्य राम मंदिर में विराजेंगे। जाहिर है अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी इसे अपनी एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश करेगी। विरोधी दल भी इस बात को समझ रहे हैं।
पहले चरण के निर्माण कार्य पर दिया जा रहा है जोर
राम मंदिर के निर्माण को लेकर पहले चरण को पूरा कराने पर जोर दिया रहा है। पहले तल के निर्माण का कार्य पूरा कराने की योजना है। राम जन्मभूमि ट्रस्ट की निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि पहले चरण के निर्माण के कार्य को समय पर पूरा करा लिया जाएगा।
2025 तक पूरा होगा मंदिर का निर्माण कार्य
रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य वर्ष 2025 तक पूरा करा लिया जाएगा। पहले चरण का कार्य 2023 के अंत तक पूरा होने के बाद दूसरे चरण का कार्य दिसंबर 2024 में पूरा कराया जाएगा। तीसरे चरण के निर्माण को इसके बाद पूरा कराया जाएगा।
कमल के फूल पर खड़ी मुद्रा में नजर आएंगे रामलला
राम मंदिर में रामलला कमल के फूल पर खड़ी मुद्रा में दिखाई देंगे। निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि चार से पांच साल आयु के राम लला को यहां पर स्थापित कराए जाने की योजना है।
गर्भगृह का दिखने लगा है विहंगम दृश्य
भगवान श्रीराम के दरबार राम मंदिर के गर्भगृह का विहंगम दृश्य अब दिखने लगा है। मंदिर के निर्माण कार्य को पूरा कराने के लिए दिन-रात कारीगर लगे दिख रहे हैं। भगवान राम के धाम का शानदार का नजारा अब दिख रहा है।
बंशी पहाड़पुर के पत्थर से बनी गर्भगृह के पीछे की दीवार
बंशी पहाड़पुर के पत्थर से रामलला मंदिर के गर्भगृह की पीछे की दीवार बनवाई गई है। पिंक स्टोन पत्थर से बनी इस दीवार को देखकर आप भाव से भर उठेंगे। राजस्थान के कलाकारों ने इस पर शानदार कारीगरी का नमूना पेश किया है।
मंदिर की दीवारों पर की जा रही है कारीगरी
अयोध्या रामजन्मभूमि के मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर नक्काशी का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। राजस्थान से आए कारीगर इस कार्य को पूरा करा रहे हैं।
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