भोपाल। चीतों की मौत और उनके लिए कम पड़ रही जमीन के साथ ही सर्वाइवल के मुद्दे के बीच अब आखिरकार चीतों को कथित तौर पर दूसरा घर मिल ही गया। लेकिन, कूनो नेशनल पार्क के चीतों को फिलहाल मध्यप्रदेश से बाहर शिफ्ट नहीं किया जाएगा। चीतों का दूसरा घर मंदसौर की गांधीसागर सेंचुरी बनेगी।
बताया जा रहा है कि गांधीसागर सेंचुरी के अलावा किसी विकल्प पर केंद्र सरकार विचार नहीं कर रही है। केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोमवार को सीएम हाउस में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की मौजूदगी में हुई, चीता प्रोजेक्ट की हाईलेवल समीक्षा बैठक में यह बात कही।
चीतों की 50% आबादी ही सर्वाइव कर पाएगी
भूपेंद्र यादव ने अफसरों को समझाते हुए कहा कि चीता एक्शन प्लान में स्पष्ट है कि इनकी 50% आबादी ही भारत में सर्वाइव कर पाएगी। प्रोजेक्ट को पूरी तरह सफल होने में 5 साल लगेंगे, इसलिए हाल में हुई कुछ मौतों से बिल्कुल घबराने की जरूरत नहीं हैं।
वहीं सीएम शिवराज ने गांधीसागर सेंचुरी को युद्ध स्तर पर चीतों के लिए तैयार करने के निर्देश दिए, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि चीतों के संरक्षण और प्रबंधन से जुड़े अफसरों को जल्द ही केंद्र सरकार अध्ययन प्रवास पर नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका भेजेगी। चीता प्रोटेक्शन फोर्स बनाने के लिए केंद्र सरकार वित्तीय मदद मुहैया कराएगी।
केंद्र सरकार राज्य के लिए वित्तीय मदद करेगी
इधर, चीतों को शिफ्ट किए जाने के साथ ही चीता प्रोटेक्शन फोर्स बनाने में केंद्र राज्य सरकार की मदद करेगा। MP सरकार के लिए केंद्र सरकार वित्तीय मदद करेगी। साथ ही चीता संरक्षण से जुड़े अफसरों के लिए नामीबिया, अफ्रीका भेजा जाएगा।
फिल्हाल कूनो से चीतों को गांधीसागर अभ्यारण में बसान के लिए 28 किलोमीटर 8900 हेक्टेयर में चीतों का बड़ा तैयार किया जा रहा है। इसके साथ ही यहां 266 चीतल छोड़े जाने के बाद 1250 और चीतल छोड़े जाने का आदेश भी जारी कर दिया गया है। वन विहार नेशनल से 500, कान्हा नेशनल से 500, चिड़ीखो वन्यजीव अभयारण्य नरसिंहगढ़ से 250 चीतल लाए जाएंगे।
सीधी के संजय टाइगर रिजर्व में छोड़े जाएगे बाइसन
इधर, एमपी के सीधी के संजय टाइगर रिजर्व की शान भी जल्द ही बढ़ने वाली है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से पहली बार भारतीय गौर यानि बाइसन को संजय टाइगर रिजर्व भेजे जाएगा। पार्क में विलुप्त हो चुके बायसन को दोबारा बसाने के लिए इस प्रोजेक्ट पर कार्य तेजी से जारी है।
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और कान्हा नेशनल पार्क से करीब 50 बायसन भेजने की तैयारी है। बायसन को भेजने के बाद पार्क में कुनबा बढ़ाने पर कार्य होगा। करीब एक महीने के अंदर सतपुड़ा रिजर्व से 15 और कान्हा टाइगर रिजर्व से 35 बायसन भेजे जाएंगे। एक नर बायसन के साथ तीन मादा बायसन को रखने की योजना है।