मालदा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अनुसार उनके राज्य में आम जनता के हित में कई कल्याणकारी योजनाएं चलायी जा रहीं है। कन्याश्री, स्वास्थ साथी, सबुज साथी और खाद्य साथी सहित कई योजनाएं आम जनता के लिए चल रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जनसभाओं में कई बार कह चुकी है कि उनके राज्य में जीवन से लेकर मृत्यु तक लोगों के लिए योजनाएं चलायी जा रहीं है, लेकिन सवाल उठता है कि क्या धरातल पर इन योजनाओं का लाभ जरूरतमंद और आम जनता को मिल रहा है, या फिर कागजों पर ही सीमट कर रह गई है ? यह सवाल इसलिए भी उठ रहा है , क्योंकि पार्टी के ही तृणमूल नेता ने सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलने पर इच्छामृत्यु के लिए अपनी ही पार्टी की मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है।
मालदा के रतुआ क्षेत्र में तृणमूल बूथ समिति के 29 वर्षीय नेता इमरान अली ने लंबे समय तक शारीरिक बीमारी का दर्द न सह पाने के कारण जिला प्रशासन और नवान्ने में स्वैच्छिक मृत्यु के लिए आवेदन की है। विकलांग तृणमूल नेता इमरान अली की इच्छामृत्यु की खबर से मालदा जिले के राजनीतिक क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। मगर सवाल उठता है किस इमरान अली ने यह रास्ता चुनने के लिए क्यों बाध्य होना पड़ा है ? इस बारे में असहाय जमीनी नेता ने खुद बताया कि मेरे पास हेल्थ पार्टनर कार्ड है। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। दरवाजे पर राशन प्रोजेक्ट कार्ड भी लगा है। लेकिन सरकारी राशन खाद्य सामग्री घर तक नहीं पहुंचती है। सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है ?
पत्नी किसी तरह परिवार को चला रही है और पड़ोसी समय-समय पर मदद कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में मेरे लिए जीवित रहना संभव नहीं है। इसलिए इस कठिन परिस्थिति में मैं जिला प्रशासन और नवान्ने से आत्महत्या करने की अपील कर रहा हूं।
इस बीच जैसे ही तृणमूल बूथ कमेटी के एक नेता की आत्महत्या की गुहार सामने आने से पार्टी के भीतर हड़कंप मच गया है। इधर विपक्ष ने सत्ताधारी पार्टी को आइना दिखना शुरु कर दिया है । हालांकि इस सम्बन्ध में तृणमूल जिलाध्यक्ष और विधायक अब्दुर रहीम बॉक्सी ने कहा कि ” हमें मामले की जानकारी नहीं है। हमारी टीम इमरान अली के साथ खड़ी रहेगी। उसकी हर संभव मदद की जाएगी।”
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