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आज के दिन ही आतंकियों ने किया था संसद पर हमला, 30 मिनट चला था मौत का तांडव, दी गई शहीद सपूतों औरवीरों को श्रद्धांजलि

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आज ही के दिन 13 दिसंबर 2001 को भारत की संसद पर पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकवादियों ने हमला किया था। पांच भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों की अंधाधुंध फायरिंग की वजह से कुल 14 लोगों की मौत हो गई थी और 18 अन्य घायल हो गए गए थे। 13 दिसंबर का दिन उन सभी जवानों के साहस और शौर्य को सलाम करने का भी अवसर है, जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र के मंदिर-संसद भवन-कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले में अपने प्राणों की आहुति दे दी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद पर हमले की 21वीं बरसी पर मंगलवार को शहीदों को श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रपति मुर्मू ने ट्वीट संदेश में कहा-आज ही के दिन 2001 में हुए आतंकवादी हमले के खिलाफ संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर शहीदों को राष्ट्र श्रद्धांजलि देता है। हम वीरों के साहस और सर्वोच्च बलिदान के लिए सदैव कृतज्ञ रहेंगे।
आइए जानें 2001 एक के संसद हमले के बारे में हर बात?
-भारत की संसद पर हमला पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकवादियों ने किया था। 13 दिसंबर 2001 को राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही स्थगित हुई थी, जब ये हमला हुआ था।
-हमलावर एक सफेद रंग की एंबेसडर में संसद परिसर में घुसे थे।
– गाड़ी पर गृह मंत्रालय और संसद के ही नकली स्टीकर लगे थे। रिपोर्ट के मुताबिक पांच आतंकियों ने पूर्व भारतीय उप राष्ट्रपति कृष्णकांतो की कार के जरिए संसद में प्रवेश किया था।
– पांच आतंकी एके 47 राइफल, ग्रेनेड लांचर, पिस्तौल और ग्रेनेड से लैस थे। दिल्ली पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा था कि ऑपरेशन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के कहने पर की गई थी।
– हमले के वक्त परिसर के अंदर तैनात एक कांस्टेबल कमलेश कुमारी यादव आतंकवादियों को नोटिस करने और उनका मुकाबला करने वाली पहली सुरक्षा अधिकारी थीं।
– बदले में कांस्टेबल कमलेश कुमारी पर अंधाधुंध फायरिंग की गई थी और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। मरने से पहले, कांस्टेबल कमलेश कुमारी ने अपनी योजना को अंजाम देने के लिए आतंकवादियों के बीच एक आत्मघाती हमलावर को रोका था।
-जिस वक्त हमला हुआ उस वक्त पूर्व गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत 100 अधिक सांसद इमारत में मौजूद थे।
– केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों की एक बटालियन, जो जम्मू-कश्मीर से लौटी थी, ने तेजी से हमले का जवाब दिया और सभी आतंकवादियों को मार गिराया। इस घटना में मारे गए पांच आतंकियों के नाम हमजा, हैदर उर्फ ​​तुफैल, राणा, रणविजय और मोहम्मद थे।
– यह भगदड़ लगभद 30 मिनट तक चली, इस दौरान कुल 14 लोगों की मौत हो गई और 18 अन्य घायल हो गए। इस घटना में पांच आतंकवादी, छह दिल्ली पुलिस कर्मी, दो संसद सुरक्षा सेवा कर्मी और एक माली मारे की मौत हुई थी।
– कोर्ट के फैसले के मुताबिक संसद पर हमले की साजिश में मौलाना मसूद अजहर, गाजी बाबा उर्फ ​​अबू जेहादी और तारिक अहमद भी शामिल था.
– संसद हमले की साजिश रचने में मोहम्मद अफजल गुरु, शौकत हुसैन गुरु (अफजल गुरु के चचेरे भाई), एस ए आर गिलानी और शौकत की पत्नी, अफसान गुरु का नाम सामने आया था।
-भारतीय कोर्ट ने मोहम्मद अफजल गुरु, शौकत हुसैन गुरु और एस ए आर गिलानी को फांसी की सजा सुनाई थी।
-मोहम्मद अफजल गुरु को 9 फरवरी 2013 को तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी।


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