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आपको भी हैं होगा विश्वास : एक दो नहीं बल्कि 13 भाषाओं में बात करते हैं इस स्कूल में बच्चे

नई दिल्ली। आमतौर पर आपने ऐसे स्कूल देखें होंगे, जहां बच्चे एक या अधिकतम दो भाषाओं में बात करते होंगे लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में ऐसा एक स्कूल ऐसा भी है, जहां बच्चे एक,. . .

नई दिल्ली। आमतौर पर आपने ऐसे स्कूल देखें होंगे, जहां बच्चे एक या अधिकतम दो भाषाओं में बात करते होंगे लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में ऐसा एक स्कूल ऐसा भी है, जहां बच्चे एक, दो या तीन नहीं बल्कि 13 भाषाओं में बात करते हैं। यह हैरान कर देने वाली खबर मरौरी प्रखंड उच्च प्राथमिक विद्यालय कैंच की है। इस स्कूल के बच्चे तेलुगु, तमिल, मलयालम, संथाली जैसी भाषाओं में एक दूसरे से बात करते हैं। कैंच का यह परिषदीय विद्यालय 1800 बुनियादी विद्यालयों में से एकमात्र ऐसा विद्यालय है, जिसने यह उपलब्धि हासिल की हैं। बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल प्रभारी व शिक्षकों की सराहना की।
सरकार ने भाषा के माध्यम से स्कूली बच्चों में ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना जगाने की पहल की है। इसके लिए सरकार ने सभी स्कूलों में भाषा संगम कार्यक्रम शुरू करने का निर्देश दिया था। इस कार्यक्रम के तहत प्रतिदिन स्कूलों में बच्चों को देश में बोली जाने वाली किसी न किसी भाषा से रूबरू कराना था। इसके लिए बीएसए ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश भी जारी किए थे और उन्होंने स्कूल के प्रधानाध्यापकों को इसे लागू करने के निर्देश दिए थे। यह कार्यक्रम एक महीने तक स्कूलों में चलना था और इसके बाद स्कूलों को बच्चों के फोटो और वीडियो विभागीय वेबसाइट पर अपलोड करने थे।
जिले में यह कारनामा मरौरी ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक वैभव जैसवर ही कर सके हैं। उन्होंने अपनी मेहनत से बच्चों को मलयालम, मराठी, उर्दू, तमिल, तेलुगु, सिंधी, पंजाबी, संथाली जैसी 13 भाषाओं का बुनियादी ज्ञान कराया। उन्होंने बच्चों को इन भाषाओं के साथ-साथ वहां की संस्कृति से भी परिचित कराया है।

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