नई दिल्ली। दिल्ली की आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की है। जानकारी के मुताबिक, ईडी की टीम ने देशभर के 40 ठिकानों पर छापा मारा है। ये छापे आंध्र प्रदेश के नेल्लोर, कर्नाटक, तमिलनाडु और दिल्ली-एनसीआर के शराब व्यवसायियों, वितरकों और आपूर्ति श्रृंखला नेटवर्क से जुड़े परिसरों पर मारे गए हैं। इससे पहले केंद्रीय जांच एजेंसी ने देशभर के लगभग 45 स्थानों पर छह सितंबर को तलाशी अभियान चलाया था।
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति सवालों के घेरे में है। भारतीय जनता पार्टी ने इसको लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर घोटाले का आरोप लगाया है। इसको लेकर सीबीआई भी मनीष सिसोदिया के घर व बैंक लॉकर की तलाशी ले चुकी है।
यह है मामला
दरअसल एलजी ने दिल्ली के सचिव की एक रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। 8 जुलाई को यह रिपोर्ट भेजी गई थी। जिसमें पिछले साल लागू की गई आबकारी नीति पर सवाल उठाए गए थे। जिसमें आबकारी नीति (2021-22) बनाने और उसे लागू करने में लापरवाही बरतने के साथ ही नियमों की अनदेखी और नीति के कार्यान्वयन में गंभीर चूक के आरोप हैं। इसमें अन्य बातों के साथ-साथ निविदा को अंतिम रूप देने में अनियमितताएं और चुनिंदा विक्रेताओं को टेंडर के बाद लाभ पहुंचाना भी शामिल है। रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया कि शराब बेचने की वालों की लाइसेंस फीस माफ करने से सरकार को 144 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। आबकारी मंत्री के तौर पर मनीष सिसोदिया ने इन प्रावधानों की अनदेखी की है।
सिसोदिया ने कही थी ये बात
बीजेपी के स्टिंग पर सिसोदिया ने कहा था कि बीजेपी को चाहिए ये स्टिंग सीबीआई को दे दे और उससे चार दिन के अंदर जांच करने को कहे। सोमवार तक इस स्टिंग की जांच पूरी हो जाए। अगर ये सच निकले तो उनको गिरफ्तार कर लिया जाए, वर्ना मोदी सरकार देश से माफी मांगे। उन्होंने आरोप लगाया था कि बीजेपी और पीएम मोदी का दफ्तर कई राज्यों में सरकारें गिराने की साजिश रच रहा है।