कन्नौज। उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में आस्था और अंधविश्वास के चलते एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां पर 6 साल से एक किशोरी एक छोटे से जेल नुमा कमरे में बंद है। आस्था और अंधविश्वास के चलते युवती को बंधक बनाकर 6 साल से एक कमरे में बंद करके रखा गया है। युवती मानसिक रूप से भी बीमार हो गई है। युवती अचानक चिल्लाने और रोने लगती है, और अचानक से हंसने लगती है। युवती के कमरे में पूजा-पाठ जैसा एक माहौल बनाया गया है। गंदा पड़ा कमरा जिसमें एक छोटी सी खाट पर पड़ी एक रजाई में युवती दिन और रात काटती है। युवती को बाहर आने की इजाजत नहीं है। युवती को कैदियों जैसे रखा जा रहा है, वहीं परिजनों की मानें तो परिजन उसको देवी का अवतार कहते हैं। परिजन कहते हैं कि देवी का जब मन होता है तब वह बाहर आती हैं, लेकिन अगर वह देवी हैं तो उनको बंद कमरे में क्यों रखा जाता है कमरे को बाहर से कुंडी और ताला क्यों लगाया जाता है।
देवी का रूप मानकर युवती को कर रखा कैद
मामला छिबरामऊ क्षेत्र के टीका नगला गांव का है। टीका नगला गांव के बाहर खेत में एक बड़ा सा मकान बना है, जहां पर एक छोटे से कमरे में करीब 22 से 23 साल की युवती को बंधक जैसा बनाकर रखा गया है। जेलनुमा कमरे में युवती मानो कैदियों की तरह उस कमरे से झांक कर एक आस भरी निगाहों से आते जाते लोगों को देखती है कि कोई उसकी मदद कर दे। लेकिन अंधविश्वास की आंख पर चादर चढ़ी हुई. परिजन उसके मानो दुश्मन बने हुए हैं। उसको देवी का रूप बनाकर उसका फायदा उठा रहे हैं। यहां पर पहले लोग भी आते थे और चढ़ावा चढ़ाते थे, क्योंकि परिजनों ने उसको एक अवतार बताया और लोगों से कहा कि यहां पर जो मन्नत मांगोगे वह पूरी होगी। कभी कभार इत्तफाक लगने से किसी की कोई चीज पूरी हो गई, जिसके बाद यह अंधविश्वास का खेल बढ़-चढ़कर शुरू हो गया। लेकिन जैसे-जैसे समय आगे बढ़ा लोगों को युवती की हालत देखकर समझ आने लगा कि कैसे उसको कैद करके रखा गया है।
युवती मानसिक रूप से परेशान, इलाज की है जरूरत
युवती कभी भी रोने लगती है कभी भी हंसने लगती है और कभी भी चिल्लाने लगती है, ऐसे में उसकी हालत दिन पर दिन से बदतर होती जा रही है। ग्रामीणों ने दबे शब्दों में बताया कि युवती मानसिक रूप से परेशान है, जिसके चलते उसको इलाज की जरूरत है। लेकिन उसके घर वाले ही उसके दुश्मन बने हुए हैं. उसको जबरदस्ती की देवी बनाए हुए हैं और चंद पैसों की लालच में आस्था और अंधविश्वास का ढोंग रचाए हुए हैं।
पुलिस ने किया हस्तक्षेप, परिजन नहीं माने
वहीं स्थानीय पुलिस की माने तो कई बार उन्होंने भी इस मामले को देखा लेकिन उनके परिजन ही नहीं राजी हुए ऐसे में अपने ही घर में कैद युवती की जान कैसे बचेगी यह कोई नहीं बता पा रहा है। पुलिस टीम ने युवती से बात करने की कोशिश की तो युवती अचानक से जोर-जोर से चिल्लाने लगी इसके बाद हम लोगों को भी समझ में आ गया कि कहीं ना कहीं युवती की मानसिक स्थिति बहुत खराब है।
दरवाजे के पास किस तरह से वो आके अचानक से बैठ गई कि जैसे मानो एक कैदी जेल में बंद है। युवती के कमरे में देवी देवताओं की कई फोटो बनी है। एक छोटा सा हवन कुंड जैसा माहौल बना रखा है, जिसको देख देख कर युवती कहीं ना कहीं अपने आपको कुछ और ही समझने लगी है। लेकिन असल में वह कितनी बीमार है यह वह खुद भी नहीं जान पा रही है। उसके परिजन भी यह समझना नहीं चाहते बस उसकी हालत पर वह पैसे कमाना चाहते हैं, क्योंकि अंधविश्वास इतना बढ़ चुका है कि उनको उनका बच्चा बीमार तक नहीं दिख रहा।