इटली के रक्षा मंत्री को मारने के लिए रूस ने दी सुपारी, पुतिन के ‘राइट हैंड’ ने कितने करोड़ की डील की?
नई दिल्ली। इटली के एक अखबार ने दावा किया है, कि रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने इटली के रक्षा मंत्री गुइडो क्रोसेटो को मारने के लिए 1.5 करोड़ डॉलर की सुपारी देने की कोशिश की थी। इस खुफिया खुलासे के बाद रूस और इटली के संबंध के और भी ज्यादा तनावपूर्ण होने की आशंका है। इतालवी अखबार, इल फोग्लियो ने दावा किया है, कि देश की खुफिया सेवा ने इंटरसेप्ट किया है, कि रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने एक निजी सैन्य कंपनी वैगनर को इटली के डिफेंस मिनिस्टर को मारने के लिए सुपारी दी थी, जिसे नाकाम कर दिया गया है।
डिफेंस मिनिस्टर को मारने की सुपारी?
पूर्व रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव, मौजूदा राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के काफी करीबी माने जाते हैं और वो इस वक्त रूस की शक्तिशाली सिक्योरिटी काउंसिल के डिप्टी हेड हैं। और इटालियन अखबार का दावा है, कि दिमित्री मेदवेदेव ने रक्षा मंत्री को मारने के लिए सुपारी दी थी। अखबार का कहना है, कि रूस के पूर्व राष्ट्रपति ने ये सुपारी उस वक्त दी थी, जब इटली के रक्षा मंत्री गुइडो क्रोसेटो ने रूस के साथ यूक्रेन में लड़ने वाले वैगनर ग्रुप को लेकर कहा था, कि वैगनर ग्रुप की वजह से यूरोप में शरणार्थी संकट बढ़ रहा है। मेदवेदेव ने इससे पहले जनवरी महीने में सार्वजनिक रूप से क्रोसेटो को एक ‘सनकी’ और ‘यूरोप की सत्ता संरचनाओं में मौजूद अनगिनत मूर्खों’ में से एक करार दिया था। इटालियन अखबार ने बताया है, कि फ्रांस और पोलैंड में अन्य खुफिया सेवाओं ने भी वैगनर को मेदवेदेव के कथित आदेश देने पर चिंता व्यक्त की है।
वैगनर ग्रुप पर कई खुलासे
अखबार में दावा किया गया है, कि वैगनर के यूरोप में सर्बिया और एस्टोनिया सहित कई देशों सेल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, कि ‘यह एक वास्तविक खतरा है, कि क्रेमलिन इतालवी रक्षा मंत्री के खिलाफ है, जिनके सिर पर 1.5 करोड़ डॉलर का इनाम रखा गया है।” आपको बता दें, कि वैगनर ग्रुप भाड़े के लड़ाकों को कहा जाता है, जो इस वक्त रूस की तरफ से यूक्रेन में लड़ रहे हैं। ये पैसे लेकर लड़ते हैं, हालांकि, यूक्रेन युद्ध में वैगनर ग्रुप को भारी नुकसान हुआ है। पिछले महीने एक अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया था, कि वैगनर ग्रुप को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई वो नहीं कर सकता है। वहीं, मेदवेदेव 2008 में रूस के राष्ट्रपति बने थे और 2012 में वो देश के प्रधानमंत्री बने थे। मेदवेदेव, व्लादिमीर पुतिन के काफी करीबी हैं और विश्वसनीय हैं। उन्हें पुतिन ने राष्ट्रपति सिर्फ इसलिए बनाया था, ताकि वो देश को रिमोट कंट्रोल से चला सकें।
यूक्रेन युद्ध में आक्रामक हैं मेदवेदेव
आपको बता दें, कि मेदवेदेव अकसर यूरोपीय देशों पर आग उगलते रहते हैं और जनवरी में उन्होंने कहा था, कि अगर यूरोपीय देश यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई करते हैं, तो फिर परमाणु युद्ध हो सकता है। दिमित्री मेदवेदेव ने चेतावनी दी थी, कि यूक्रेन को लगातार हो रही पश्चिमी हथियारों की आपूर्ति से परमाणु युद्ध हो सकता है। मेदवेदेव ने टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप पर चेतावनी देते हुए लिखा था, कि “पारंपरिक युद्ध में हारने वाली परमाणु शक्ति, परमाणु युद्ध के प्रकोप को भड़का सकती है।” उन्होंने ये भी कहा था, कि “परमाणु शक्तियों ने उन संघर्षों को कभी नहीं खोया है, जिनपर उनका भाग्य निर्भर करता है।” उन्होंने सीधे शब्दों में चेतावनी दी थी, कि अगर पश्चिम के नेताओं के पास थोड़ा सा भी दिमाग है, तो उन्हें ये बातें जान लेनी चाहिए। वहीं, क्रेमलिन ने भी दिमित्री मेदवेदेव की बातों का समर्थन किया था और कहा था, कि दिमित्री मेदवेदेव ने परमाणु युद्ध पर जो भी कहा है, वो क्रेमलिन के रूख के मुताबिक ही कहा है।
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