नई दिल्ली: उत्तरपूर्व एशिया में इस वर्ष कड़ाके की ठंड पड़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। अगर बात भारत की करे तो जनवरी और फरवरी में देश के कुछ उत्तरी इलाकों में तापमान में गिरावट आ सकती है। अनुमान तो यह तक लगाया जा रहा है की तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक नीचे जा सकता है।
मौसम की स्थिति के लिए ला नीना (La Nina) को जिम्मेदार बताया जा रहा है। प्रशांत क्षेत्र में ला नीना उभर रहा है। आमतौर पर इसका अर्थ है कि उत्तरी गोलार्ध में तापमान का सामान्य से कम रहना। इस स्थिति ने क्षेत्रीय मौसम एजेंसियों को कड़ाके की सर्दी के बारे में चेतावनी जारी करने के लिए प्रेरित किया है।
तापमान में इतनी गिरावट की होने के कारण ऊर्जा संकट से जूझ रहे भारत और चीन दोनो ही देशों के लिए मुसीबत बन सकती है। कोयले और गैस के दाम पहले से ऊंचाई पर हैं। ऐसे में कड़ाके की ठंड से इन चीजों की मांग और बढ़ेगी।
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