सिलीगुड़ी। शनिवार से लगातार हो रही भारी बारिश की वजह से रविवार रात को दार्जिलिंग, मिरिक और कालिम्पोंग में भूस्खलन की स्थिति बनी। कई सड़कों पर मलबा गिरा, नदियां उफान पर आ गईं, और कई जगहों से जानमाल के नुकसान की खबरें सामने आईं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक की रिपोर्ट के अनुसार इस आपदा में 23 लोगों की मौत हो चुकी है — जिनमें से 18 दार्जिलिंग में और 5 मिरिक में। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और एक सदस्य को स्पेशल होमगार्ड की नौकरी देने का ऐलान किया है।
हालांकि सोमवार को बारिश कुछ कम हुई है और कुछ इलाकों में पानी उतरना शुरू हुआ है, लेकिन नदियों का जलस्तर अब भी खतरनाक स्तर पर है। मौसम विभाग का मानना है कि स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो सकती है।
लेकिन मुख्यमंत्री ने बाढ़ को “मानव-निर्मित” बताते हुए कहा, “देश के कई हिस्सों में अत्यधिक वर्षा हो रही है। लेकिन अगर फरक्का और हल्दिया में समय पर ड्रेजिंग होती, या DVC, पंचेत और मैथन से गाद हटाई जाती, तो ये स्थिति पैदा नहीं होती।”
DVC की लापरवाही का नतीजा
ममता बनर्जी पहले भी दक्षिण बंगाल की बाढ़ को DVC की लापरवाही का नतीजा बता चुकी हैं, और अब उत्तरबंगाल में भी यही आरोप दोहराया है। उन्होंने कहा, “भूटान और सिक्किम से आया पानी पूरी तरह से बाढ़ की स्थिति बना रहा है। गंगा में भी जलस्तर खतरनाक है। फरक्का से बिहार और उत्तर प्रदेश की बारिश का पानी आ रहा है। DVC मनमाने ढंग से पानी छोड़ रहा है, जिससे झारखंड तो बच रहा है, लेकिन बंगाल डूब रहा है। मैं चाहती हूं झारखंड भी बचे, लेकिन हमें भी बचना है।”
भूटान सरकार ने हमें चिट्ठी भेजी
उन्होंने आगे कहा, “मैथन और पंचेत में पानी रखने की समुचित व्यवस्था नहीं है। भूटान सरकार ने हमें चिट्ठी भेजी है। हमने उन्हें धीरे-धीरे पानी छोड़ने का अनुरोध किया था। फिर भी जो पानी छोड़ा गया, उससे नागराकाटा पूरी तरह तबाह हो गया। जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग, मिरिक और धूपगुड़ी – सब प्रभावित हुए हैं।”
इस आपदा के कारण पहाड़ी इलाकों में कई पर्यटक फंसे हुए हैं। डायमंड हार्बर के एक पर्यटक की तलाश जारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटकों को सुरक्षित निकालने का काम लगातार चल रहा है। “500 पर्यटकों को आज नीचे लाया जा रहा है। कल भी कई लोगों को बस से लाया गया। जिन होटल में पर्यटक फंसे हैं, उन्हें हिदायत दी गई है कि उनसे कोई शुल्क न लिया जाए। जरूरत पड़ी तो सरकार भुगतान करेगी।”
कम्युनिटी किचन शुरू
सरकार ने स्थानीय स्तर पर राहत के लिए कम्युनिटी किचन भी शुरू कर दिया है। पुलिस महानिदेशक पहले ही उत्तरबंगाल पहुंच चुके हैं। मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव सोमवार दोपहर को हासीमारा पहुंचे और वहां से नागराकाटा गए। मंगलवार को वे मिरिक जाएंगे। वहीं, बिजली मंत्री अरूप विश्वास और शिलिगुड़ी के मेयर गौतम देव पहले ही धूपगुड़ी पहुंच चुके हैं।