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कनाडा के नहीं अब यूके- ऑस्ट्रेलिया के लगेंगे धड़ाधड़ वीजा, भारतीय स्टूडेंट्स की बढ़ी डिमांड

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डेस्क। आतंकी हरदीप निन्जर के बाद कनाडा और भारत में चल रहे विवाद के चलते इसका सीधा असर कनाडाई शिक्षण संस्थानों पर भी दिखाई दे रहा है। कनाडियन ब्यूरो फॉर इंटरनेशनल एजुकेशन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 के लिए कनाडाई विश्वविद्यालयों पर नजर रखने वाले 20 फीसदी भारतीय छात्रों ने अपनी पढ़ाई स्थगित करने का फैसला किया है। टाइम्स हायर एजुकेशन की एक अन्य रिपोर्ट में पाया गया कि कुछ भारतीय छात्र राजनयिक विवाद के कारण यूनाइटेड किंगडम (UK) या ऑस्ट्रेलिया में स्थानांतरित होने पर विचार कर रहे हैं।
2022 में 17 बिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश
एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है अकेले 2022 में भारतीय छात्रों ने कनाडा की अर्थव्यवस्था में 17 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया था। छात्रों की ट्यूशन फीस लाखों डॉलर के बराबर है, आवास, भोजन, परिवहन और सांस्कृतिक भ्रमण जैसे पूरक खर्चों का तो रिपोर्ट में जिक्र ही नहीं है। कनाडा में भारतीय छात्र अंतर्राष्ट्रीय छात्र समुदाय की रोहू माने जाते हैं। कुल विदेशी छात्रों की संख्या में भारत की हिस्सेदारी 40 फीसदी के करीब है।
70 फीसदी छात्र पोस्ट ग्रैजुएट
इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय छात्रों की शिक्षा गुणवत्ता उच्च स्तरीय है। करीब 70 फीसदी छात्रों के पास मास्टर डिग्री या उससे अधिक की डिग्री है, जो शिक्षा और उत्कृष्टता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का संकेकत है। भारतीय छात्रा ने नवाचार और उद्यमिता में लगातार अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है। वे संस्थापक, नौकरी निर्माता और कार्यवल के अभिन्न सदस्य हैं, जो कनाठाई उद्यमों के लिए काम कर रहे हैं।
कनाडा के लोगों के लिए पैदा करते हैं नौकरियां
भारतीय छात्र उद्योगों की स्थापना कर रहे हैं और कनाडाई नागरिकों के लिए नौकरियां भी पैदा कर रहे हैं। छात्रों के विश्वविद्यालयों में प्रवेश में गिरावट की चिंताजनक बताया जा रहा है। कनाडा भारत विवाद के कारण यू. के. और ऑस्ट्रेलिया जैसे अन्य देश भारतीय छात्रों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। इसलिए छात्रों का संभावित पलायन एक बड़ा आर्थिक झटका होगा। छात्रों के कनाडा छोड़ने पर संपत्ति किराए पर देने वाले जमींदारों से लेकर अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की जरूरतों को पूरा करने वाले व्यवसायों तक की आय में गिरावट आएगी।
अस्थिर हो सकती है अर्थव्यवस्था
भारतीय छात्रों की संख्या में गिरावट कनाडा के लिए चिंता का विषय है। चूंकि कनाडाई शिक्षा क्षेत्र 6 लाख से अधिक व्यक्तियों को रोजगार देता है, जिनका सालाना अर्थव्यवस्था में 100 अरब डॉलर से अधिक का योगदान है। रिपोर्ट के मुताबिक टोरंटो विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान को भारतीय छात्र नामांकन में गिरावट के कारण 100 मिलियन डॉलर से अधिक नुकसान होने की संभावना है, जो संकेत है कि किस तरह कनाडा की अर्थव्यवस्था अस्थिर हो सकती है।


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