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कभी ममता बनर्जी का दाहिना हाथ थीं सोनाली गुहा, अब उनके ही भतीजे को चुनौती देगी ये नेत्री

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कोलकाता। तृणमूल सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की एक समय दाहिना हाथ थीं। तीन बार टीएमसी की विधायक रह चुकी हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव 2021 के पहले सोनाली गुहा भाजपा में शामिल हुई थी। अब तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी के डायमंड हार्बर केंद्र को जिम्मा भाजपा ने सोनाली गुहा को दिया है। इस तरह से कभी ममता बनर्जी की साथी रही सोनाली गुहा उनके ही भतीजे को चुनौती देगी।
सोनाली गुहा को बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश कमेटी का सदस्य बनाया गया है और उन्हें डायमंड हार्बर की जिम्मेदारी दी गई है। दूसरे शब्दों में, भले ही वह भाजपा की मुख्य पार्टी में नहीं हैं, लेकिन महिला मोर्चा की सदस्य के रूप में सोनाली के कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।
सूत्रों के मुताबिक सोनाली गुहा अभिषेक बनर्जी के लोकसभा क्षेत्र सतगछिया से विधायक थीं। इसके अलावा, वह कभी तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के छाया साथी रही थी। स्वाभाविक रूप से तृणमूल के अंदरूनी कामकाज के बारे में सोनाली गुहा को पता है।
डायमंड हार्बर में सोनाली को मिला संगठन को मजबूत करने का जिम्मा
राजनीतिक विश्लेशकों का कहना है कि अभिषेक बनर्जी के गढ़ में सोनाली गुहा को संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ऐसे में सोनाली गुहा की जिम्मेदारी काफी बढ़ गयी है और अभिषेक बनर्जी की चुनौती बढ़ती दिख रही है।
सूत्रों का कहना है बीजेपी का एक तबका है, जो सोनाली गुहा को लेकर नाराज है। इसलिए उन्हें मुख्य टीम में जगह नहीं मिली है और उन्हें केंद्र में अभिषेक बनर्जी के संगठन को मजबूत करने का कठिन काम दिया गया है।हालांकि तीन बार की तृणमूल विधायक सोनाली गुहा ने इस जिम्मेदारी को चुनौती के रूप में लिया है। तीन बार की विधायक सोनाली गुहा ममता सरकार के तहत राज्य विधानसभा की उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं, लेकिन, पिछले विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिला थी। इससे खफा होकर उन्होंने पार्टी छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गई थीं।
विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा में हुई थी शामिल, चल रही थी नाराज
हालांकि कुछ महीनों के बाद उनका मोहभंग हो गया और उन्होंने फिर से तृणमूल कांग्रेस लौटने की इच्छा जताते हुए कहा था कि वह भाजपा में काम नहीं कर सकती थी। उन्होंने वह संदेश पार्टी नेता को भी भेजा था. हालांकि कोई फायदा नहीं हुआ। इस बीच उन्होंने बीजेपी से भी किनारा कर लिया. नतीजतन, कभी शक्तिशाली राजनेता सोनाली गुहा लगभग दो वर्षों तक राजनीति में निष्क्रिय हैं. फिर सोनाली गुहा ने हाल ही में फिर से राज्य भाजपा नेतृत्व से संपर्क किया।
वहीं उन्होंने गुस्से का इजहार करते हुए कहा, ‘दीदी उनका बुलाएगी, तो भी वह टीएमसी में नहीं जाएंगी।” आखिरकार सोनाली के अनुरोध को स्वीकार करते हुए भाजपा नेतृत्व ने उन्हें पार्टी की मुख्यधारा में वापस लाने के लिए काम करना शुरू कर दिया है।


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