कभी मोबाइल का सिम बेचता था शांतनु, आखिर खाकपति से कैसे बन गया अरबपति, जाने टीएमसी के युवा नेता की पूरी कहानी
कोलकता। पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में प्रत्येक दिन नये राज खुल रहे हैं। शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार मामले में शुक्रवार को ईडी ने टीएमसी के युवा नेता शांतनु बनर्जी की गिरफ्तार किया है। पूर्व में गिरफ्तार नेता कुंतल घोष के करीबी माने जाने वाले शांतनु बनर्जी के अब नये राज सामने आ रहे हैं। साल 2005 में हुगली जिले के बालागढ़ का रहने वाला युवक शांतनु बनर्जी मोबाइल सिम और तरह-तरह के कॉस्मेटिक्स बेचने का काम करता था, लेकिन शिक्षक भर्ती के भ्रष्टाचार से उसके तार जुड़ने के बाद उसकी दौलत दिन दूनी और रात चौगुनी बढ़ने लगी थी।
ईडी के अधिकारियों को शांतनु के आलीशान घर से लेकर गंगा के किनारे के सुरम्य उद्यान तक कई आकर्षक संपत्तियां मिलीं हैं। बालागढ़ में फार्म हाउस मिला है। शांतनु के पिता बिजली विभाग में कार्यरत थे, पिता की मृत्यु के बाद उसे उस कार्यालय में नौकरी मिल गई और धीरे-धीरे शांतनु की राजनीति में एंट्री हुई।
राजनीति में एंट्री के साथ ही दौलतमंद बनने लगा था टीएमसी नेता शांतनु
शांतनु को सबसे पहले उन्हें जीरट कॉलेज में छात्र परिषद की जिम्मेदारी मिली। उसके बाद वह ब्लॉक के साथ-साथ जिले में भी तृणमूल छत्र परिषद के नेता बन गया। वह छात्र नेता से युवा नेता बन गया, उसे जिले में युवा संगठन के अध्यक्ष का दायित्व मिला है। वहीं से शांतनु को प्रदेश युवा तृणमूल का उपाध्यक्ष बनाया गया। वह हुगली जिले के अलावा पुरुलिया, बांकुड़ा, पश्चिम बर्दवान समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में टीएमसी के पर्यवेक्षक के पद पर कार्यरत था। तारकेश्वर से 2018 का पंचायत चुनाव जीतने के बाद, वह हुगली जिला परिषद के सार्वजनिक स्वास्थ्य और तकनीकी विभाग का पदाधिकारी भी बना।
हुगली जिले में शांतनु का है रेस्टोरेंट, रिसॉर्ट सहित आलीशान बंगला
इसके साथ ही शक्ति, प्रतिष्ठा धीरे-धीरे बढ़ती गई। बालागढ़ में बरूईपाड़ा के घर के पास एक ट्रेंडी रेस्टोरेंट है, ढाबा जिसे ‘द स्पून’ कहा जाता है। यह ढाबा 2021 में बनकर तैयार हुआ था। एसटीकेके रोड के किनारे यह ढाबा जिस जगह पर है, वहां चार परिवार रहते थे। स्थानीय निवासियों ने कहा कि इस ढाबे को बनाने के लिए परिवारों को स्थानांतरित किया गया था। ढाबों, होम-स्टे के अलावा, शांतनु के पास बालागढ़ के चदरा बटाला इलाके में गंगा के किनारे एक बड़ा रिसॉर्ट भी है। रिसोर्ट के अलावा कई जमीनें भी स्थानीय निवासियों ने गुमनाम रूप से खरीदी हैं। उनका यह भी कहना है कि कभी-कभी कई कारें बाहर से इस रिजॉर्ट में आती थीं। कारें हर कुछ घंटों में निकल जाती थीं।
कई बार पूछताछ के बाद ईडी ने शांतनु को किया है गिरफ्तार
स्थानीय निवासी सुकुमार नंदी ने बताया कि इस रिसॉर्ट का नाम शांतनु बंद्योपाध्याय के नाम पर रखा गया है। अलग-अलग लोग अलग-अलग समय पर आते हैं। बैठकें भी होती हैं। शांतनु के नाम सिर्फ रिसॉर्ट ही नहीं और भी कई संपत्तियां हैं। साथ ही कई जगहों पर गुमनाम रूप से खरीदा गया है। बालागढ़ भाजपा युवा मोर्चा के संयोजक चिरंजीत रॉय ने आरोप लगाया कि भर्ती भ्रष्टाचार के अरबों रुपये शांतनु के खाते में गए। उस पैसे से ढाबा, रिसॉर्ट, होटल, होम स्टे, कई फ्लैट और ढेर सारी जमीनें खरीदी गईं। शांतनु बनर्जी से पहले भी बैंक रिकॉर्ड के साथ पूछताछ की जा चुकी है। ईडी यह जानना चाहता है कि उसने कहां निवेश किया, किसके साथ बैंक लेनदेन किया गया। केंद्रीय जांच एजेंसी ने शुक्रवार को सात घंटे की पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया है। शनिवार को मेडिकल जांच के बाद ईडी कोर्ट जाएगा. ईडी इस बात को उजागर करेगी कि शांतनु के प्रॉफिट बैंक में भर्ती भ्रष्टाचार के पैसों का कितना हिस्सा मिला था।
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