कर्नाटक में भाजपा ने हार मानी : राहुल गांधी ने कहा- कर्नाटक में नफरत का बाजार बंद हुआ, मोहब्बत की दुकानें खुलीं

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नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने के बाद शनिवार दोपहर करीब ढाई बजे कांग्रेस नेता राहुल गांधी मीडिया के सामने आए। राहुल ने 6 बार नमस्कार कहा। बोले- कर्नाटक में नफरत का बाजार बंद हुआ है, मोहब्बत की दुकानें खुली हैं। कर्नाटक ने दिखा दिया कि देश को मोहब्बत अच्छी लगती है। राहुल के बयान से करीब डेढ़ घंटा पहले ही भाजपा ने कर्नाटक में हार स्वीकार कर ली। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि पूरे नतीजे आने के बाद हम समीक्षा करेंगे और लोकसभा चुनाव में दमदार वापसी करेंगे।
इलेक्शन कमीशन के मुताबिक, कांग्रेस 33 सीटों पर जीती है और 104 पर आगे है यानी कुल 137 सीटें। भाजपा को 15 पर जीत मिली है और 47 सीटों पर आगे है यानी कुल 62 सीटें। जेडीएस 4 सीटें जीती है और 17 पर आगे है, कुल 21 सीटें। अन्य 4 सीटों पर आगे चल रही है।
पार्टी को बहुमत मिलने के बाद कर्नाटक कांग्रेस चीफ डीके शिवकुमार रो पड़े। उन्होंने कहा, “मैंने राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी को जीत का आश्वासन दिया था। मैं भूल नहीं सकता जब सोनिया गांधी मुझसे जेल में मिलने आई थीं, तब मैंने पद पर रहने के बजाय जेल में रहना चुना, पार्टी को मुझ पर भरोसा था।” कांग्रेस ने कल यानी रविवार को विधायक दल की बैठक बुलाई है।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव रिजल्ट्स अपडेट…
-कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार कनकपुरा सीट पर जीत गए हैं। वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई शिगगांव से आगे चल रहे हैं।
– जेडीएस नेता कुमारस्वामी चन्नापटना सीट पर आगे चल रहे हैं। जगदीश शेट्टार अपनी परंपरागत सीट हुबली-धारवाड़ पर पीछे चल रहे हैं।
– सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र ने कहा- मेरे पिता को मुख्यमंत्री बनना चाहिए। उधर, यूथ कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास बोले, “जय बजरंगबली, तोड़ दी भ्रष्टाचार की नली।”
राज्य में 38 साल से सत्ता रिपीट नहीं हुई
राज्य में 38 साल से सत्ता रिपीट नहीं हुई है। आखिरी बार 1985 में रामकृष्ण हेगड़े के नेतृत्व वाली जनता पार्टी ने सत्ता में रहते हुए चुनाव जीता था। वहीं, पिछले पांच चुनाव (1999, 2004, 2008, 2013 और 2018) में से सिर्फ दो बार (1999, 2013) सिंगल पार्टी को बहुमत मिला। भाजपा 2004, 2008, 2018 में सबसे बड़ी पार्टी बनी। उसने बाहरी सपोर्ट से सरकार बनाई।
पहली बार 73.19% मतदान, पिछले चुनाव से 1% ज्यादा
10 मई को 224 सीटों के लिए 2,615 उम्मीदवारों के लिए 5.13 करोड़ मतदाताओं ने वोट डाले। चुनाव आयोग के मुताबिक, कर्नाटक में 73.19% मतदान हुआ है। यह 1957 के बाद राज्य के चुनावी इतिहास में सबसे ज्यादा है।

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