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कर्नाटक में 11 बजे तक 21% वोटिंग : येदियुरप्पा के बेटे बोले- मोदी मैजिक हमें जिताएगा; सिद्धारमैया बोले- लोग बीजेपी से नाराज, हम 150 सीटें जीतेंगे

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बेंगलुरु/नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में वोटिंग सुबह 7 बजे से जारी है। यहां 224 सीटों से 2614 उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं। कर्नाटक के सभी जिलों में पोलिंग स्टेशन पर सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग अपना वोट डालने पहुंच रहे हैं। सुबह 11 बजे तक 20.99% वोट पड़ चुके हैं।
आम लोगों के अलावा सेलिब्रिटीज और नेता भी वोट डालने पहुंच रहे हैं। अभिनेता प्रकाश राज ने शांतिनगर स्थित सेंट जोसेफ इंडियन स्कूल में पोलिंग स्टेशन में मतदान किया। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने वोट डालने से पहले शिकारीपुर के हुच्चाराया स्वामी मंदिर और राघवेंद्र स्वामी मठ में दर्शन किए। वर्तमान मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने हुबली के हनुमान मंदिर और कावेरी के गायत्री मंदिर में पूजा की।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बेंगलुरु के विजयनगर में पोलिंग बूथ में वोट डाला। वोट डालने के बाद उन्होंने कहा कि हम तो हमेशा ही बजरंगबली की पूजा करते हैं, हनुमान चालीसा पढ़ते हैं, पर कांग्रेस चुनाव के वक्त हनुमान भक्त बन जाती है। कर्नाटक तो हनुमान जी की जन्मथली है। यहां आकर कांग्रेस तो अपने मेनिफेस्टो में बजरंगदल को बैन करने की बात कर रही है। बेवकूफी का उदाहरण इससे ज्यादा कुछ नहीं हो सकता।
अब तक के अपडेट्स…
@ बेंगलुरु में मतदान करने के बाद अभिनेता प्रकाश राज ने कहा कि हमें साम्प्रदायिक राजनीति के खिलाफ वोट करना है। चुनाव वह जगह है, जहां आपके पास फैसला करने का अधिकार होता है।
@ कर्नाटक के पूर्व सीएम येदियुरप्पा ने चुनाव शुरू होने से पहले अपने परिवार के साथ शिकारीपुर के श्री हुच्चराया स्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की। उनके बेटे बीवाई विजयेंद्र शिकारीपुरा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
@ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आज बड़ी संख्या में मतदान का समय है। राज्य के लोगों ने फैसला किया है कि वे एक प्रगतिशील, पारदर्शी और कल्याणकारी सरकार चुनेंगे।
@ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह कर्नाटक के लोगों से विशेषकर युवा और पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं से बड़ी संख्या में मतदान करने की अपील की।
@ मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे ने दावा किया है कि चित्तपुर विधानसभा के चमनूर गांव के एक पोलिंग बूथ में वोटिंग रोक दी गई है। उन्होंने कहा कि यहां के प्रिसाइडिंग ऑफिसर लोगों को भाजपा को वोट देने के लिए उकसा रहे हैं।
@ बेंगलुरु दक्षिण से भाजपा विधायक तेजस्वी सूर्या ने कहा कि बजरंग बली की जन्मभूमि कर्नाटक 13 मई को सभी सवालों के जवाब दे देगी। डीके शिवकुमार और कांग्रेस पार्टी LPG सिलेंडर्स की पूजा कर रहे हैं, उसका हम स्वागत करते हैं। हमें खुशी है कि कांग्रेस किसी तरह की पूजा तो कर रही है।
@ कर्नाटक मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने कहा कि भ्रष्टाचार में कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड ऐसा है कि कई लोग तो जमानत पर बाहर हैं। पूर्व सीएम समेत कई लोगों के खिलाफ लोकायुक्त के पास 60 से ज्यादा केस दर्ज कराए गए हैं।
@ बजरंग दल को बैन करने के सवाल पर जगदीश शेट्‌टार ने कहा कि ये कोई सवाल ही नहीं है। अगर कोई संस्था संविधान के खिलाफ कााम करती है तो उसे बैन करने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है, न कि राज्य सरकार के पास।
भाजपा नेताओं ने साढ़े चार सौ से ज्यादा रैलियां कीं
राज्य में 5.31 करोड़ वोटर और 2615 कैंडिडेट हैं। मुकाबला भाजपा, कांग्रेस और JDS के बीच है। नतीजे 13 मई को आएंगे। इस बार भाजपा के लिए PM नरेंद्र मोदी समेत पार्टी के बड़े नेताओं ने साढ़े चार सौ से ज्यादा रैलियां कीं। 100 से ज्यादा रोड शो भी किए। खुद PM मोदी दो दिन कर्नाटक में रुके। वहीं, राहुल, प्रियंका और सोनिया ने 31 से ज्यादा सभाएं कीं। चुनावी कैंपेन में कांग्रेस ने भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार और कमीशन पर फोकस रखा। वहीं, भाजपा ने बजरंगबली, बजरंग दल, आतंकवाद को मुद्दा बनाया। मोदी ने 19 में से 12 सभाओं में बजरंगबली का जिक्र किया।
कर्नाटक में राजनीतिक दलों के लिए चुनौती बने 3 फैक्टर…
1. पिछले 5 चुनाव में 3 बार हंग असेंबली: कर्नाटक में पिछले 38 साल से हर 5 साल में सत्ता बदलती आ रही है। आखिरी बार 1985 में रामकृष्ण हेगड़े के नेतृत्व वाली जनता पार्टी ने सत्ता में रहते हुए चुनाव जीता था। वहीं, पिछले पांच चुनाव (1999, 2004, 2008, 2013 और 2018) में से सिर्फ दो बार ( 1999, 2013) सिंगल पार्टी को बहुमत मिला। भाजपा 2004, 2008, 2018 में सबसे बड़ी पार्टी बनी। उसने बाहरी सपोर्ट से सरकार बनाई।
अभी क्या स्थिति है: कोई भी पार्टी गठबंधन पर अपने पत्ते नहीं खोल रही हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि JDS ने भाजपा के साथ जाने की तैयारी की है। हालांकि, JDS ने किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन की संभावना से इनकार किया है।
2. लिंगायत-वोक्कालिगा तय करेंगे नतीजे: राज्य में 17% लिंगायत वोटर हैं। 75-80 सीटों पर इनका असर है। आबादी में 14% हिस्सा रखने वाले वोक्कालिगा वोटर 50-55 सीटों पर असर रखते हैं। 9.5% कुरबा वोटर 25-30 सीटों के नतीजे बदल देते हैं। 32% SC 30-35 सीटों पर और 17% मुस्लिम वोटर 35-40 सीटों के नतीजे तय करते हैं।
अभी क्या स्थिति है: पिछली बार जीते भाजपा के 104 विधायकों में से 49 विधायक लिंगायत और वोक्कालिगा समुदाय से हैं। इस बार भाजपा ने इन दोनों समुदायों से 109 कैंडिडेट्स उतारे हैं। SC कैटेगरी में भाजपा के 37, कांग्रेस के 35, जेडीएस के 31 कैंडिडेट्स हैं। कांग्रेस के 12 और जेडीएस के 23 उम्मीदवार मुस्लिम हैं, जबकि भाजपा ने किसी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया है।
3. छोटी पार्टियां और निर्दलीय चुनौती बने: कर्नाटक में सीधी टक्कर भाजपा और कांग्रेस के बीच है। तीसरी ताकत JDS है। इस बार आम आदमी पार्टी, बसपा, उत्तम प्रजाकिया पार्टी, वामपंथी दल, कर्नाटक राष्ट्र समिति, कल्याण राज्य प्रगति पक्ष जैसे छोटे दलों ने भी प्रत्याशी उतारे हैं।
अभी क्या स्थिति है: भाजपा, कांग्रेस समेत JDS को छोटी पार्टियों की तरफ से वोट कटने का डर है। इन पार्टियों ने एक से दस हजार तक वोट काट लिए तो रिजल्ट पर बड़ा असर हो सकता है। पिछले चुनाव में निर्दलीय समेत गैर-मान्यता प्राप्त दलों को 4.11 % वोट शेयर मिला था।
भाजपा-कांग्रेस के चुनावी कैंपेन को बयानों और फोटो से समझें…
1. भाजपा ने प्रचार के केंद्र में मोदी को रखा; बजरंग बली, सांप, आतंक पर फोकस: PM नरेंद्र मोदी ने 29 अप्रैल से 6 मई के बीच यानी कैंपेन के आखिरी 8 दिन में 19 रैलियां और 6 रोड शो किए। दो दिन में 36 किमी लंबा रोड शो किया। भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं ने 206 पब्लिक रैलियां और 90 रोड-शो किए। राज्य के नेताओं ने 231 सभाएं और 48 रोड शो किए।
PM मोदी ने बजरंग दल बैन, बजरंगबली, केरल स्टोरी, लव जिहाद, 91 गालियां और जहरीला सांप कहे जाने पर कांग्रेस को घेरा। बाकी नेता भी तुष्टिकरण, मुस्लिम आरक्षण, आतंकवाद पर लगातार बोलते रहे।
2. सोनिया मैदान में उतरीं, राहुल ने 16 और प्रियंका ने 15 सभाएं कीं: कांग्रेस ने भी आखिरी 8 दिन पूरी ताकत से प्रचार किया। सोनिया गांधी ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए पूर्व CM शेट्टार के समर्थन में सभा की। कांग्रेस के नेशनल और स्टेट लीडर्स ने 99 रैली और 33 रोड शो किए। राहुल ने 16 रैली और 2 रोड शो, जबकि प्रियंका ने 15 रैली और 10 रोड शो किए।
कांग्रेस की हर रैली में भाजपा सरकार के करप्शन का जिक्र हुआ। 40% कमीशन को लेकर CM से लेकर सरकारी मशीनरी पर निशाना साधा गया। स्थानीय मुद्दों के साथ अडानी का भी जिक्र हुआ।
2018 में भाजपा को बहुमत नहीं मिला… फिर भी सरकार बनाई
2018 में भाजपा ने 104, कांग्रेस ने 78 और JDS ने 37 सीटें जीती थीं। किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। भाजपा से येदियुरप्पा ने 17 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन सदन में बहुमत साबित न कर पाने की वजह से 23 मई को इस्तीफा दे दिया। इसके बाद कांग्रेस-JDS की गठबंधन सरकार बनी। इसके 14 महीने बाद कर्नाटक की सियासत ने फिर करवट ली। कांग्रेस और JDS के कुछ विधायकों की बगावत के बाद कुमारस्वामी को कुर्सी छोड़नी पड़ी। इन बागियों को येदियुरप्पा ने भाजपा में मिलाया और 26 जुलाई 2019 को 219 विधायकों के समर्थन के साथ वे फिर मुख्यमंत्री बने, लेकिन 2 साल बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। भाजपा ने बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया।


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