कांग्रेस न होती तो इमरजेंसी का कलंक न होता, सिखों का नरसंहार न होता, राज्यसभा में आज खूब बरसे पीएम मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रसाद के दौरान अपना संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने अपनी सरकार के कामकाज का लेखा-जोखा तो दिया ही, साथ ही विपक्ष खासकर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस नहीं होती तो सिखों का नरसंहार नहीं होता। इसके साथ ही उन्होंने तंज कसते हुए और भी ऐसे कई घटनाओं का जिक्र किया। इस दौरान कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया। प्रधानमंत्री मोदी ने सुझाव दिया कि कांग्रेस का नाम इंडियन नेशनल कांग्रेस के स्थान पर फेडरेशन ऑफ कांग्रेस कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने राज्यसभा में कहा, अगर महात्मा गांधी के इच्छानुसार कांग्रेस न होती तो इमरजेंसी का कलंक न होता, सिखों का नरसंहार न होता, लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता। लोकतंत्र और बहस भारत में सदियों से चल रहा है और कांग्रेस की परेशानी यह है कि परिवारवाद के आगे उन्होंने कुछ सोचा ही नहीं।
कांग्रेस ने परिवारवाद के आगे उन्होंने कुछ सोचा ही नहीं : पीएम मोदी ने कहा, भारत के लोकतंत्र को सबसे ज्यादा खतरा परिवारवादी पार्टिंयों से है। इसमें सबसे पहली कैजुअल्टी टेलेंट की होती है। उन्होंने कहा कि संसद में कहा गया कि कांग्रेस न होती तो क्या होता, इसका जवाब मैं देता हूं। महात्मा गांधी की ही यह इच्छा थी। अगर उनकी इच्छा के अनुसार अगर कांग्रेस न होती तो आज लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता। पंजाब सालों तक आतंकवाद की आग में नहीं जलता, कश्मीरी पंडितों को कश्मीर नहीं छोड़ना पड़ता। कांग्रेस नहीं होती तो बेटियों को तंदूर में फेंकने की घटना नहीं होती।
यूपीए काल से महंगाई की तुलना करें तो पता चलेगा महंगाई क्या होती है? : राज्यसभा में जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यूपीए काल से महंगाई की तुलना करें तो पता चलेगा महंगाई क्या होती है। उन्होंने कहा कि यूपीए काल में महंगाई दहाई अंक में थी। अगर अमेरिका की तुलना करें तो भारत में महंगाई कम ही है। हम महंगाई को रोकने की हर संभव कोशिश कर रह रहे हैं।
कोरोना काल में 80 करोड़ से भी अधिक देशवासियों को मुफ्त राशन : राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस कोरोना काल में 80 करोड़ से भी अधिक देशवासियों के लिए इतने लंबे कालखंड के लिए मुफ्त में राशन की व्यवस्था की गई, ताकि ऐसी स्थिति कभी पैदा न हो कि उनके घर का चूल्हा न जले। भारत ने ये काम करके दुनिया के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है.पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के दौरान 5 करोड़ ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए गए हैं।
रोजगार को लेकर पीएम ने कहा : पीएम मोदी ने रोजगार के बारे में बात करते हुए कहा कि साल 2021 में एक करोड़ 20 लाख लोग इएपीएफओ से जुड़े हैं, ये सब फॉर्मल जॉब हैं। इनमें से भी 65 लाख 18-25 आयु के हैं। मतलब ये इन लोगों की पहली जॉब है। कोविड प्रतिबंध खुलने के बाद हायरिंग दोगुनी हो गई हैं।
कुछ दल के बड़े नेताओं ने कोरोना के दौरान अपरिपक्वता दिखाई : राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुछ दल के बड़े नेताओं ने पिछले दो साल में जो अपरिपक्वता दिखाई है उससे देश को बहुत निराशा हुई है। हमने देखा कि कैसे राजनीतिक स्वार्थ में खेल खेले गए, भारतीय वैक्सीन के खिलाफ मुहिम चलाई गई।
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