‘कुंवारों का गांव’, 2017 के बाद बिहार के इस गांव में नहीं हुई किसी लड़के की शादी, जानिए आखिर क्यों ?
पटना। शादी इंसान के ज़िंदगी का एक हसीन पल होता है, कुंवारे लोगों के लिए तो शादी त्योहार जैसा होता है। बिहार में एक ऐसा गांव है जहां कुंवारे लड़के शादी तो करना चाहते हैं लेकिन उनकी शादी नहीं हो रही है। इसलिए इस गांव को ‘कुंवारों का गांव’ कहा जाता है। आपको यह सुनकर थोड़ा फिल्मी सा लग रहा होगा लेकिन ये बिल्कुल सच है। बिहार की राजधानी पटना से 300 किलो मीटर की दूरी पर ‘बरवां कला’ गांव स्थित है। इस गांव में कोई भी लड़की वाला अपनी बेटी की शादी नहीं करता है।
बरवां कला गांव में नहीं हो रही लड़कों की शादी
आपको यह सुनकर थोड़ा अजीब लगा होगा कि बरवा कला गांव के लड़के से कोई भी लड़की का पिता अपनी बच्ची की शादी नहीं कराना चाहता है। जी हां लेकिन यहां के लड़कों से अपनी बच्ची की शादी नहीं कराने के पीछे कई वजह बताए जा रहे हैं। स्थानीय लोगों को कहना है कि काफी पिछड़ा होने की वजह से इस गांव के कोई भी माता-पिता इपनी बच्ची की शादी नहीं करवाते हैं। वहीं इस गांव में मूलभूत सुविधाओं जैसे सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा की कमी है। यही वजह है कि यहां के नौजवान लड़के कुंवारे हैं और उनकी चाह कर भी शादी नहीं हो रही है।
साल 2017 में हुई थी एक युवक की शादी
स्थानीय लोग बताते हैं कि काफी मशक्कत से साल 2017 में एक लड़के की शादी हुई थी। जिसके लिए पूरे गांव के लोगों ने मेहनत की थी। पहाड़ियों और जंगल को काटकर गांव वालों ने 6 किलोमीटर की सड़क बनाई थी। सालों के बाद अजय कुमार की शादी हुई तो गांव वालों ने उसका स्वागत सेलिब्रिटि की तरह किया। ग्रामीणो की मेहनत से हुई सालों बाद गांव शादी हुई तो पूरे गांव ने जश्न मनाया था। 2017 के बाद उस गांव में आज तक शादी ही नहीं हुई। इसके कुछ और कारण भी स्थानीय लोग बताते हैं जैसे कि गांव में शादी करने के लिए गांव से दूर गेस्ट हाउस बुक कर शादी की रस्में निभानी पड़ती है। क्योंकि गांव में सड़क नहीं है।
कैमूर पर्वत के पास स्थित है बरवां कला गांव
कैमूर पर्वत के पास मौजूद बरवा काला गांव में 121 पंचायत आज भी कुंवारे हैं। लोग बताते हैं कि 50 साल में इस गांव में किसी लड़के की शादी नहीं हुई। 2017 में अजय यादव नाम के युवक की शादी हुई थी। इसलिए इस गांव को ‘कुंवारों के गांव’ की संज्ञा भी दी जा रही है। इस गांव के लोगों की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है, इस वजह से भी दूसरे गांव के लोग अपनी बच्ची की शादी बरवा काला गांव में नहीं करते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि राज्य सरकार की वजह से ही इस गांव की ऐसी बदतर हालत है।
‘गांव में नहीं है सड़क, स्वास्थ, शिक्षा जैसी सुविधाएं’
ग्रामीणों का कहना है कि दूसरे गांव के माता-पिता अपनी बच्ची की शादी यहां के लड़कों से नहीं करवा रहे हैं। यह प्रदेश सरकार की नाकामी को साबित करता है क्योकि राज्य की जनता को मूल अधिकार प्रदेश सरकार को ही देना होता है। सरकार अपनी जिम्मेदारी समझते हुए सही दिशा में कदम उठाए और गांव के हालात को सुधारे । इस गांव के विकास पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है। यहां बिजली, पानी और सड़क की हालत पिछले कई सालों से खस्ता है। गांव से 45 किलोमीटर दूर पुलिस स्टेशन है। गांव के 12 हैंडपंप सूख चुके हैं। गांव से क़रीब 2 किलोमीटर दूर से पीने का पानी लाना पड़ता है।
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