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कैंडिडेट्स चुनने के लिए तृणमूल समर्थक भिड़े, मतपेटी के किए चिथड़े-चिथड़े

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कूचबिहार । पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के मद्देनजर तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी दो महीने के लिए जनसंपर्क यात्रा पर निकले हैं। आज कूचबिहार से इसकी शुरुआत हुई है। इस दौरान पंचायत चुनाव के उम्मीदवारों का गुप्त मतदान के जरिए चयन करना है, लेकिन आज शुरुआत के दिन ही मतपेटी रखी गयी थी, लेकिन स्थानीय तृणमूल समर्थकों के गुस्से का शिकार होना पड़ा. टीएमसी समर्थकों की भीड़ ने मतपेटी के चिथड़े-चिथड़े कर दिये और आपस में भिड़ गये।
अभिषेक बनर्जी मंगलवार को साहेबगंज विधानसभा इलाके के पंचायत उम्मीदवारों के लिए मतपेटी रखवाई थी. अभिषेक बनर्जी ने बताया कि गुप्त मतदान में पसंदीदा उम्मीदवार का नाम दर्ज किया जा सकता है।
मतपेटी को लेकर भिड़े टीएमसी समर्थक
प्राप्त जानकारी के अनुसार मतपेटी तृणमूल के दूसरे नंबर के नेता अभिषेक बनर्जी के मंच के ठीक पीछे रखी गई थी, लेकिन अभिषेक बनर्जी के जाते ही मंच के पीछे लगी मतपेटी टूट गई। अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि मतपेटी कैसे तोड़ी गई ? स्थानीय लोगों का कहना है कि मतपेटी को लेकर टीएमसी के दो गुट भिड़ गये और धक्का-मुक्की होने लगी। इस दौरान ही मतपेटी के चिथड़े-चिथड़े उड़ गये।
गौरतलब हो कि इस दिन मतपेटी में अपने पसंदीदा उम्मीदवार का नाम जमा कराने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती थी। भीड़ में भीड़ के कारण मतपेटी टूट गई? या इसके पीछे कोई और वजह है? इसके बारे में अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। इस बीच मतपेटी टूटी होने से आम लोगों का गुस्सा देखने को मिला है. दूसरी ओर, टीएमसी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह समर्थकों के उत्साह के कारण हुआ है। फिर से कल मतदान की व्यवस्था की जाएगी।
मतपेटी को टीएमसी समर्थकों ने किया टुकड़े-टुकड़े
बता दें किअभिषेक बनर्जी ने दिनहाटा के साहेबगंज फुटबॉल मैदान में बैलेट बॉक्स के माध्यम से पसंदीदा पंचायत उम्मीदवार के चयन की प्रक्रिया शुरू की थी। लेकिन अभिषेक बनर्जी के विधानसभा मंच से नीचे उतरने के बाद मतपेटी के चिथड़े-चिथड़े उड़ गये।पसंदीदा प्रत्याशी के नाम की घोषणा से पहले ही मतपेटी टूट गई। नतीजतन, यह ज्ञात है कि उम्मीदवार चयन प्रक्रिया में भाग लेने आए कुछ लोग नाराज हो गए हैं।
गौरतलब है कि अभिषेक बनर्जी ने मंच मतपेटी लगवाई थी. कहा गया था कि भीड़ में लाइन लगाकर मतपेटी में अपने पसंदीदा उम्मीदवार का नाम दर्ज नहीं करा सकते हैं, जिनके नाम नहीं थे। उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई थे। अभिषेक बनर्जी ने मंच से एक फोन नंबर के बारे में बताया था। ऐसे में जो मतपेटी में मतदान नहीं कर सकते हैं, वे घर लौटने पर ग्राम पंचायत का नाम, बूथ का नाम और सीट नंबर का उल्लेख करते हुए पसंदीदा उम्मीदवार के नंबर पर कॉल कर सकते हैं। लेकिन इस दिन अचानक मतपेटी के चिथड़े-चिथड़ उड़ गये।


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