नई दिल्ली। कोरोना वायरस के प्रकोप से थोड़ी राहत मिलने पर जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है, लेकिन एक बार फिर से बड़े खतरे की आहट सुनाई देने लगी है। रूप बदल-बदलकर दुनिया में कई बार तबाही ला चुके इस वायरस ने एक बार फिर अपने चेहरा बदला है जिसे वैज्ञानिक बेहद घातक मान रहे हैं। आज जब कोरोना वायरस के फैले दो साल होने वाले हैं तब भी इसके म्यूटेशन पर रोक नहीं लग पाना दुनियाभर के लिए चिंता का सबब बना हुआ है। इस बीच ‘बोत्सवाना वेरियेंट’ के प्रति वैज्ञानिक काफी सशंकित हैं और दुनिया को सतर्क कर रहे हैं। उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन भी नए वेरियेंट के खतरे की आशंका के मद्देनजर चौकन्ना हो गया है। तो क्या दुनिया में कोविड-19 महामारी की नई लहर आएगी?
कोरोना के नए वेरिएंट का नाम B.1.1.529 है जिसे ‘बोत्सवाना वेरियेंट’ भी कहा जा रहा है। यह अफ्रीकी देश द. अफ्रीका में सामने आया है। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान- नैशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज (एनआईसीडी) ने पुष्टि की कि दक्षिण अफ्रीका में बी.1.1.529 का पता चला है। अब तक का अनुमान है कि नया बी.1.1.529 वेरियेंट एक मरीज से ही निकला है। लंदन स्थित यूसीएल जेनेटिक्स इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर फ्रैक्वा बेलॉसका मानना है कि यह वेरियेंट किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीज से पैदा हुआ है। मरीज शायद एचआईवी/एड्स से पीड़ित होगा।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक कोविड का यह वैरिएंट अब तक का सबसे म्यूटेड वर्जन है। जर्मनी ने नए कोरोना वायरस वैरिएंट को लेकर दक्षिण अफ्रीका से अधिकतर यात्रा पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है। इटली ने अफ्रीका से आने वाले फ्लाइट्स पर रोक लगा दी है। यूरोपियन यूनियन भी दक्षिण अफ्रीका से आने वाले फ्लाइट्स पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है। इजरायल में दक्षिण अफ्रीका वैरिएंट का एक केस मिला है।
भारत की बात करें तो अब तक भारत में B.1.1.529 कोविड वैरिएंट का एक भी केस नहीं देखा गया है। यह जानकारी न्यूज एजेंसी एएनआई ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में लिखा है कि कोविड B.1.1.529 वैरिएंट बहुत अधिक म्यूटेड है। इसका देश के लिए गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में वीजा प्रतिबंधों में ढिलाई और अंतर्राष्ट्रीय यात्रा से दिक्कतें बढ़ सकती हैं। उन्होंने आगे बाते है कि रिस्क वाले देशों से आ रहे लोगों को बारीकी से ट्रैक और टेस्ट किया जाना चाहिए।
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