नई दिल्ली। भारतीय दूरसंचार विभाग ने मोबाइल हैंडसेट निर्माताओं को सख्त निर्देश दिए हैं कि सभी नए मेबाइल हैंडसेट में ‘संचार साथी’ ऐप को प्री-इंस्टॉल करना होगा। विभाग ने कहा कि यह कदम साइबर फ्रॉड को रोकने, दूरसंचार सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए और डुप्लीकेट आईएमईआई (IMEI) वाले उपकरणों की समस्या से निपटने के लिए उठाया गया है उठाया गया है। अब मोदी सरकार के इस कदम से सियासत भी गरमा गई है। कांग्रेस महासचिव व सांसद केसी वेणुगोपाल ने इसे असंवैधानिक बताया है।
मोदी सरकार कर रही निजता का उल्लंघन
केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि मोदी सरकार का यह कदम निजता का अधिकार और संविधान के अनुच्छेद 21 में निहित जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन है। एक प्री-लोडेड सरकारी ऐप जिसे हटाया नहीं जा सकता। हर भारतीय पर नजर रखने का जरिया है।
हम इस आदेश को अस्वीकार करते हैं
केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह भारतीय नागरिकों के अधिकारों पर सीधा हमला है। हम मोदी सरकार के इस निर्देश को अस्वीकार करते हैं। साथ ही, इसे तत्काल वापस लेने की मांग करते हैं। दरअसल, मोदी सरकार ने 29 नवंबर को एक महत्वपूर्ण नियम लागू किया है। इसके अनुसार व्हाट्सएप, टेलीग्राम, अरट्टाई जैसे सभी मैसेजिंग ऐप्स अब हमेशा यूजर के डिवाइस में सक्रिय सिम कार्ड से लगातार लिंक रहेंगे।
हर 6 घंटे में वेब वर्जन हो जाएगा लॉग आउट
नियम के मुताबिक, ऐप केवल उसी समय काम करेगा जब वह एक चालू सिम कार्ड से लिंक हो और सिम मोबाइल में लगा हो। इसके साथ ही, इन सभी प्लेटफॉर्म का वेब वर्जन हर 6 घंटे में ऑटो-लॉगआउट होगा। क्यूआर कोड स्कैन करके इसे दोबारा लॉग-इन किया जा सकेगा। निर्देश के मुताबिक, सभी प्लेटफॉर्म्स को 90 दिनों में इन नियमों का अनुपालन करना होगा और 120 दिनों में विस्तृत अनुपालन रिपोर्ट जमा करनी होगी।