सिलीगुड़ी । केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने सिलीगुड़ी में भाजपा सांसद खगेन मुर्मू और विधायक शंकर घोष से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना है। बता दें कि, सांसद खगेन मुर्मू पर कथित तौर पर कुछ स्थानीय लोगों ने हमला किया था, जब वह 6 अक्तूबर को पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी के डुआर्स क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर राहत और बचाव कार्यों का जायजा ले रहे थे। इस दौरान उनके सिर और आंख के पास गंभीर चोटें आईं। इस घटना के दौरान उनके साथ विधायक शंकर घोष भी थे, उन्हें भी चोट लगी है, उन्होंने आरोप लगाया कि राहत सामग्री वितरित करते समय उन पर हमला किया गया।
राज्य सरकार पर बरसे सुकांत मजूमदार
दोनों नेताओं से मुलाकात के बाद प्रेस से बात करते हुए सुकांत मजूमदार ने बताया कि शंकर घोष की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है क्योंकि उनके कंधे में चोट है लेकिन खगेन मुर्मू की हालत इतनी अच्छी नहीं है। अभी तक उन्हें बात करने में दिक्कत हो रही है, टीएमसी कार्यकर्ताओं और गुंडों द्वारा फेंके गए पत्थर से उनके चेहरे की एक हड्डी टूट गई है। डॉक्टर ने उन्हें लंबे आराम की सलाह दी है… कानून व्यवस्था राज्य का विषय है इसलिए इस पर हम कुछ नहीं कर सकते लेकिन अगर हालात और बिगड़ते हैं तो हमें अदालत जाना होगा ताकि सीबीआई जांच हो, जिस व्यक्ति पर टीएमसी के गुंडों ने हमला किया, वह एसटी समुदाय से है, इसलिए मुझे लगता है कि खगेन मुर्मू पर हमला करने वालों पर एससी/एससी अत्याचार अधिनियम लगाया जाना चाहिए।
भाजपा-टीएमसी नेताओं में जुबानी जंग जारी
इस हमले पर टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा, ‘उत्तर बंगाल में जो हुआ उससे टीएमसी का कोई लेना-देना नहीं है। भाजपा को यह विश्लेषण करना चाहिए कि उसके सांसदों और विधायकों के खिलाफ इतना आक्रोश क्यों है। जनता उनसे नाराज क्यों है?… हम इसकी निंदा करते हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खगेन मुर्मू से मुलाकात की और हमले की निंदा की। वहीं भाजपा नेता दिलीप घोष ने सत्ता पक्ष पर हमला बोलते हुए कहा, ‘टीएमसी की वजह से बंगाल में राजनीतिक हिंसा बढ़ गई है। बागेश्वर बाबा की सभा ममता बनर्जी ने रद्द कर दी है। टीएमसी के लोगों ने नौ जगहों पर रावण दहन कार्यक्रम को जबरन रुकवा दिया है। सरकार बाढ़ से संकट में फंसे लोगों की मूकदर्शक बनी हुई है।
पीएम मोदी ने भी राज्य सरकार पर साधा था निशाना
इस घटना को लेकर प्रधानमंंत्री मोदी ने राज्य सरकार पर निशाना साधा था और कहा था कि राज्य सरकार और तृणमूल कांग्रेस को ऐसी मुश्किल परिस्थितियों में लोगों की मदद करने पर ध्यान देना चाहिए, न कि हिंसा में उलझने पर। वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री पर प्राकृतिक आपदा का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया।