हरारे। पूरे गांव में इस रहस्यमयी मगरमच्छ को लेकर दहशत फैली हुई थी। हालांकि किसी ने भी उस मगरमच्छ को देखा नहीं था, लेकिन उसकी कहानी हर किसी की जुबां पर थी। मगरमच्छ इतना विशाल था कि लोग उसे ‘आदमी खाने वाला डायनासोर’ कहते थे। इस मगरमच्छ ने अपना डेरा भी उसी झील में डाला हुआ था, जिस झील में गांव के लोग नहाते और दूसरी जरूरतों के लिए पानी लेते थे। हर कोई इस मगरमच्छ की वजह से खौफ में था कि इसी बीच गांव में एक शिकारी आया और पांच दिन की कोशिश के बाद उसने इस रहस्यमयी मगरमच्छ की कहानी को हमेशा-हमेशा के लिए खत्म कर दिया।
गांव में सुनी रहस्यमयी मगरमच्छ की कहानी
डेली स्टार की खबर के मुताबिक, ये मामला जिम्बाब्वे के एक गांव का है। टेक्सास के रहने वाले ‘गैरेट वेल्स’ अपनी टीम के साथ 10 दिनों के एक हंटिंग ट्रिप पर जिम्बाब्वे आए थे। यहां उन्होंने एक ऐसे रहस्यमयी मगरमच्छ की कहानी सुनी, जिसके बारे में बताया गया कि वो जिम्बाब्वे की सावे वैली में एक स्थानीय झील में दुबका हुआ है।
‘सिंचाई के तालाब में एक विशाल मगरमच्छ है’
गैरेट वेल्स ने पहले भी कई शिकार किए थे, लेकिन इस मगरमच्छ की कहानी उन्हें काफी अजीब लगी। गैरेट वेल्स ने बताया, ‘जब हम बाहर निकलने के लिए तैयार हो रहे थे, तो गांव के लोग कुछ बातें कर रहे थे। मेरी टीम के भी कुछ लोग वहां खड़े थे। गांव वालों की बातें सुनकर वो मेरे पास आए और बोले कि ये लोग बता रहे हैं कि झील के पास वाले सिंचाई के तालाब में एक विशाल मगरमच्छ है।’
‘किसी ने भी उस मगरमच्छ को देखा नहीं था’
गैरेट वेल्स ने बताया, ‘जब हम सिंचाई के तालाब की बात करते हैं, तो लगता है कि वो वनस्पतियों से भरा हुआ कोई तालाब होगा। लेकिन, यहां गांव के लोग बता रहे थे कि उस तालाब में एक विशाल मगरमच्छ रहता है। हालांकि उनमें से किसी ने भी उस मगरमच्छ को देखा नहीं था। इस अनदेखे मगरमच्छ की कहानी के बीच लोग उस तालाब में नहाते थे और पानी लेते थे।’
‘मगरमच्छ के लिए चारा रखा, लेकिन…’
मगरमच्छ को लेकर किसी के पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं थी, लेकिन पूरे गांव में उसकी दहशत जरूर थी। इसके बाद गैरेट वेल्स ने तय किया कि गांव को उस मगरमच्छ की दहशत से निकालने के लिए वो उसका शिकार करेंगे। कुछ स्थानीय लोगों की मदद से गैरेट वेल्स ने तालाब के पास मगरमच्छ के खाने के लिए चारा रखा, लेकिन अगले दिन वो चारा वैसा का वैसा ही मिला।
‘मगरमच्छ आकार में किसी दैत्य जैसा’
हालांकि इस बीच गैरेट वेल्स को शक हुआ कि वो मगरमच्छ तालाब के पास बनी झाड़ियों में छिपा हो सकता है। गैरेट वेल्स ने हालांकि उसे देखा नहीं था, लेकिन अनुभव के आधार पर उन्होंने अंदाजा लगाया कि वो मगरमच्छ आकार में किसी दैत्य जैसा है। अगले पांच दिन तक गैरेट वेल्स ने मगरमच्छ को लेकर कड़ी निगरानी की और इस दौरान उन्हें वो मगरमच्छ पानी में छिपता हुआ भी नजर आया।
‘महज 5-7 गज की दूरी पर था मगरमच्छ’
पांचवें दिन आखिरकार गैरेट वेल्स को वो मगरमच्छ मिला और उन्होंने उसका शिकार किया। गैरेट वेल्स ने बताया, ‘हम लगातार उसे खोज रहे थे और तालाब के एक कोने पर पहुंच गए, क्योंकि हमें लगा कि वो मगरमच्छ यहीं झाड़ियों में छिपा है। लेकिन, वो हमारे पास ही था और उस किनारे से महज 5-7 गज की दूरी पर था।’
‘ट्रक में लादने के लिए लगी 9 लोगों की मेहनत’
गैरेट वेल्स ने आगे बताया, ‘मगरमच्छ करीब 15 फुट लंबा था और इतना वजनी था कि उसे ट्रक में लादने के लिए 9 लोगों को मेहनत करनी पड़ी। अंदाजे से कहूं तो उसका वजह करीब 1000 पाउंड्स तो होगा ही। मैंने अपनी लाइफ में कई शिकार किए और बहुत बार खतरनाक स्थिति भी आई, लेकिन ऐसा अनुभव लाइफ में पहले कभी नहीं हुआ।’
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