मुंबई । ‘राहों पर नजर रखना…’, ‘दो दीवाने शहर में…’ जैसे गीतों के जरिए लोगों के दिलों में खास जगह रखने वाले मशहूर सिंगर भूंपिंदर सिंह अब हमारे बीच में नहीं है। कल रात ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया और पंचतत्व में विलीन हो गए। लेकिन अपनी मखमली और सूकून देने वाली गजलों के जरिए वो हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे।
भूपिंदर सिंह का जाना संगीत की बहुत बड़ी क्षति में से एक है। स्टेज पर रूमानियत की एक अलग तस्वीर पेश करने वाले भूपिंदर सिंह ने मोहब्बत की एक नई परिभाषा भी गढ़ी थी। जी हां वो और उनकी पत्नी दुनिया के लिए मिसाल रहे हैं। दोनों के रिश्ते में प्रेम, समर्पण और इज्जत तीनों ही चीजें भरपूर थीं।
आपसी समझ का बेहतरीन उदाहरण रहे भूपिंदर-मिताली
भूंपिंदरऔर उनकी पत्नी मिताली संगीत-कला क्षेत्र के केवल महारथि ही नहीं रहे बल्कि दोनों ने पॉवर कपल का खूबसूरत उदाहरण पेश किया, इवेंट में दोनों के नाम पर ही टिकट बिका करते थे। आपसी समझ और प्रेम का बेहतरीन उदाहरण रहे भूपिंदर और मिताली ने अपनी स्वर जोड़ी के जरिए हमेशा स्वच्छ मनोरंजन ही लोगों को दिया। दोनों के रिलेशन की सुंदरता उनके गीतों में भरपूर दिखाई पड़ती थी।
मिताली बंग्लादेशी बंगाली परिवार से हैं
आपको जानकर हैरत होगी की भूपिंदर सिंह की पत्नी और गायिका मिताली बंग्लादेशी बंगाली परिवार से हैं और भूपिंदर ठेठ पंजाबी परिवार से ताल्लुक रखते थे, ऐसे में दो संस्कृति, दो अलग-अलग देशों के लोगों का मिलन आसान नहीं था लेकिन कहते हैं ना कि संगीत का केवल एक ही धर्म है और वो है मोहब्बत, जिसके जरिए भूपिंदर और मिताली जुड़े और जीवन की अंतिम सांस तक साथ रहे।
मिताली की आवाज की फैन थे भूपिंदर सिंह
ये बात अस्सी के दशक की है, जब भूपिंदर सिंह ऑल इंडिया रेडियो के लिए गाया करते थे, उसी दौरान उन्होंने मिताली मुखर्जी के बंग्ला गीतों को सुना था। मिताली की आवाज की कशिश ने उन्हें मन ही मन उनसे जोड़ दिया था। वो उनकी आवाज की फैन हो गए थे।
‘आपकी आवाज बहुत मीठी है’
उस वक्त दूरदर्शन पर एक ‘आरोही’ नामक कार्यक्रम आया करता था। उस प्रोग्राम में मिताली ने भी एक गीत प्रस्तुत किया था और इसी कार्यक्रम के दौरान वो और मिताली पहली बार मिले। मिताली भी भूपिंदर सिंह को गीतों के जरिए जानती थीं। उन्होंने जैसे ही भूपिंदर सिंह को अपना इंट्रोडंक्शन देने की कोशिश की तो भूपिंदर सिंह ने कहा कि ‘मैं आपको जानता हूं, आपकी आवाज बहुत मीठी है।’
एक-दूसरे के फन के फैन
बस इसी मुलाकात के बाद दोनों का कार्यक्रम के विषय में मिलना-जुलना होने लगा और दोनों की दोस्ती हो गई। दोनों ही एक-दूसरे के फन के फैन थे, जिसके चलते दोनों के बीच प्रेम का अंकुर फूट ही गया और फिर दोनों नेसाथ जिंदगी व्यतीत करने का फैसला कर लिया और फिर दोनों ने साल 1983 में शादी कर ली। दोनों को शादी से एक बेटा निहाल सिंह है, वो भी संगीतकार हैं।
भूपिंदर सिंह और मिताली ने गजलों को नई पहचान दी
पति-पत्नी की इस जोड़ी ने सैकड़ों लाइव शो किए हैं। भूपिंदर सिंह ने मशहूर म्यूजिशियन आर.डी बर्मन के साथ बॉलीवुड को एक से एक नगमे दिए लेकिन कुछ वक्त बाद भूपिंदर सिंह का रुझान गजलों की तरफ हो गया और उन्होंने बॉलीवुड में गाना कम कर दिया। इसमें कोई शक नहीं कि भूपिंदर सिंह और मिताली ने गजलों को नई पहचान दी और यही कारण रहा कि आज का युवा भी उनकी गजलों पर मुस्कुराता है।
लंबी बीमारी के बाद निधन
आपको बता दें कि मशहूर सिंगर भूपिंदर सिंह की 18 जुलाई यानी सोमवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। 82 साल के भूपिंदर के मौत की खबर उनकी पत्नी ने ही मिताली ने ही दुनिया को दी । उनके जाने से पूरा बॉलीवुड गमगीन है। पीएम मोदी से लेकर कई दिग्गजों ने मशहूर गायक के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है।
‘राहों पे नजर रखना .. होठों पे दुआ रखना’
पेश है भूपिंदर और मिताली की इस मशहूर गजल, जिसने सफलता का नया इतिहास लिखा था
* राहों पे नजर रखना .. होठों पे दुआ रखना…
* आ जाये कोई शायद .. दरवाज़ा खुला रखना..
* एहसास की शम्मा को .. इस तरह जला रखना…
* अपनी भी ख़बर रखना .. उस का भी पता रखना..
 
				 
															 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
															 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								