नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रमा पर इतिहास रच कर अब सूर्य पर फतह हासिल करना चाहता है। अगले महीने यानी 2 सितंबर को भारत अपने सौर मिशन आदित्य को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करेगा। इसी बीच चंद्रयान-3 ने चांद की सतह का तापमान का पता लगाया है। इसरो के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक बी एच दारूकेशा ने कहा कि यह आश्चर्यजनक रूप से हमारी उम्मीद से अधिक है। आपको बता दें कि अंतरिक्ष अभियान में बड़ी छलांग लगाते हुए 23 अगस्त को भारत का चंद्र मिशन चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा था। चांद के इस क्षेत्र में उतरने वाला दुनिया का पहला और चंद्र सतह पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया।
चांद की सतह के तापमान ने वैज्ञानिकों को चौंकाया
भारत को महत्वकांशी मिशन चंद्रयान-3 ने बीते रविवार (27 अगस्त) को दक्षिणी ध्रुव के चंद्रमा की सतह के तापमान पर अपना पहला निष्कर्ष भेजा। इसके बारे में जानकारी देते हुए वैज्ञानिकों ने कहा कि सतह के पास 70 डिग्री सेल्सियस तापमान के होने की उम्मीद नहीं थी। चंद्रयान 3 जहां उतरा वहां से अपने प्रयोगों को अंजाम दे रहा है। पहले वैज्ञानिकों को अनुमान था कि वहां 20 डिग्री सेंटीग्रेड से 30 डिग्री के बीच तापमान होगा। लेकिन यह 70 डिग्री सेंटीग्रेड दर्ज किया गया।
सतह से 10 सेंटीमीटर नीचे लगा है यंत्र
इसरो वैज्ञानिक बीएचएम दारुकेशा ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से कहा कि हम सभी मानते थे कि सतह पर तापमान 20 डिग्री सेंटीग्रेड से 30 डिग्री सेंटीग्रेड के आसपास हो सकता है। लेकिन यह 70 डिग्री सेंटीग्रेड है। यह आश्चर्यजनक रूप से हमारी अपेक्षा से अधिक है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि पेलोड में तापमान को मापने का एक यंत्र लगा है जो सतह के नीचे 10 सेंटीमीटर की गहराई तक पहुंचने में सक्षम है। इसरो ने एक बयान में कहा कि इसमें 10 तापमान सेंसर लगे हैं। ग्राफ विभिन्न गहराइयों पर चंद्र सतह/करीबी-सतह की तापमान भिन्नता को दर्शाता है।
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