सिलीगुड़ी। लंबे आंदोलन के बाद आखिरकार पहाड़ी और मैदानी इलाकों के चाय मजदूरों के वेतन में बढ़ोतरी हो गई है, इससे चाय बागान श्रमिकों के चेहरों पर मुस्कान लौट आयी है राज्य के श्रम मंत्री बेचाराम मन्ना ने ट्रेड यूनियनों के साथ दो दिवसीय मैराथन बैठक के बाद यह जानकारी दी है। पहाड़ी और मैदानी इलाकों में चाय बागान के श्रमिकों के वेतन में 2017 के बाद से कोई वृद्धि नहीं हुई थी], यहाँ तक कि न्यूनतम मजदूरी कभी तय नहीं की गई। इसे लेकर चाय बागान मजदूरों ने आंदोलन शुरू कर दिया था। लेकिन आख़िरकार अंतिम निर्णय ले लिया गया है।
राज्य के श्रम मंत्री बेचाराम मन्ना ने सोमवार से चाय श्रमिकों की 34 ट्रेड यूनियनों के साथ मैराथन बैठक की। इसी बैठक में बागानों के कर्मचारियों और उप कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि करने का निर्णय लिया गया। निर्णय के अनुसार कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 2,500 रुपये से बढ़ाकर 4,500 रुपये और उप-कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 1,000 रुपये से बढ़ाकर 1,500 रुपये कर दिया गया है।
मंत्री बेचाराम मन्ना ने कहा कि इतनी ज्यादा वेतन वृद्धि इतिहास में कभी नहीं हुई। दूसरी ओर भारतीय गोरखा रिपब्लिकन मोर्चा कार्यकर्ता संगठन के नेता भी इस फैसले से खुश दिखे। लंबे आंदोलन के बाद श्रमिकों सहित नेता इस फैसले से खुश दिखे।
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