इस्लामपुर। मोबाइल की लत जानलेवा बनती जा रही है। बच्चों को घर परिवार के सदस्यों के साथ रहने से ज्यादा यादा अपने मोबाइल के साथ समय देने में ज्यादा सकून दे रहा है। इस सकून में खलल डालने पर नतीजा जानलेवा बन रहा है। ऐसा ही एक घटना इस्लामपुर में सामने आयी है, जहां मोबाइल फोन को लेकर मां की डांट से क्षुब्ध एक किशोर ने कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। .
बंगाल-बिहार सीमा के पास इस्लामपुर थाना क्षेत्र के सुभाष नगर इलाके में इस घटना के बाद मातम पसरा है। जानकारी के अनुसार इस्लामपुर नगर पालिका के वार्ड नंबर चार के सुभाषनगर इलाके में अपने मामा के घर रह रहे 12 वर्षीय बालक सुमित कृत्यानिया ने बुधवार की सुबह फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिवारवालों के अनुसार बुधवार सुबह जब स्कूल जाने का समय हुआ तो सुमित नए मोबाइल फोन के लिए जिद कर बैठा। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार सुमित की मां ने इस घटना को लेकर सुमित को काफी डांटा। इसके बाद सुमित ने घर का दरवाजा बंद कर गले में फंदा डालकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से सुभाषनगर के निवासी मर्माहत हैं। घटना की सूचना मिलने पर इस्लामपुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए उप जिला अस्पताल इस्लामपुर भेज दिया। पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है।
लेकिन एक बार फिर से यह बात सामने आयी है मोबाइल फोन की लत जानलेवा साबित हो रही है। सिर्फ आत्महत्या ही नहीं, इससे मानसिक तनाव और बच्चों की बिगड़ती आदत आजकल हर घर की समस्या है। इससे निजात की जितनी कोशिशें लोग करते हैं उतना ही फंसते जाते हैं। वजह है कि कोशिशें सही रास्ते पर नहीं होतीं। परिवार में इसके लिए कुछ नियम बनाने होंगे जैसे बच्चों के साथ कुछ समय खेलकूद में बिताना, उसे दूसरे रचनात्मक कार्यों में लगाना और स्वयं भी उनके सामने फोन का इस्तेमाल कम करना।
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