जितिया व्रत हर साल आश्विन मास में कृष्ण पक्ष की सप्तमी वृद्धा अष्टमी तिथि पर रखा जाता है। इस व्रत का बहुत खास महत्व होता है। भविष्य पुराण के अनुसार, जितिया व्रत करने से संतान की आयु लंबी होती है। इस कठिन व्रत को करने के कई नियम होते हैं, जिनका ख्याल रखना जरूरी होता है। इस दिन कुछ कार्य करने और न करने से आपका व्रत अधूरा रह सकता है। ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं कि नहाय खाय से लेकर व्रत के पारण तक व्रती महिलाओं को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
एक दिन पूर्व से करें नियमों का पालन
इस बार जितिया व्रत 14 सितंबर, रविवार के दिन रखा जाएगा और इसका पारण 15 सितंबर को होगा। व्रत करने वाली महिलाओं को एक दिन पहले से तामसिक भोजन छोड़ देना चाहिए। ऐसे में नहाय खाय के दिन लहसुन, प्याज आदि चीजों का प्रयोग खाने में नहीं करना चाहिए।
कितनी होनी चाहिए उम्र?
इस भर्ती के लिए तय पदों की संख्या परिस्थितियों और जरूरत के हिसाब से बढ़ या घट सकती है. अभी 182 पद तय किए गए हैं, लेकिन इसमें बदलाव संभव है. आयु सीमा की बात करें तो इस परीक्षा में वही उम्मीदवार शामिल हो पाएंगे जिनकी उम्र 1 जुलाई 2025 तक न्यूनतम 21 वर्ष और अधिकतम 40 वर्ष होनी चाहिए. यानी उनका जन्म 2 जुलाई 1985 से पहले और 1 जुलाई 2004 के बाद का नहीं होना चाहिए. दिव्यांग उम्मीदवारों और आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को अधिकतम आयु सीमा में नियमों के अनुसार छूट दी जाएगी.
जितिया व्रत में नहाय खाय के नियम
नहाय खाय के दिन महिलाएं नदी या तालाब में स्नान करती हैं और फिर, झिमनी के पत्तों पर सरसों के तेल की खली को रखकर जीमूतवाहन भगवान की पूजा करती हैं। ऐसा संभव न होने पर आप घर में भी स्नान कर सकती हैं। वहीं, झिमनी के पत्ते न उपलब्ध हो पाने पर केले के पत्तों का प्रयोग किया जा सकता है। विधि-विधान से पूजा करने के पश्चात व्रती महिलाओं को तेल अपनी संतान के सिर पर आशीर्वाद के रूप में लगाना चाहिए।
नहाय खाय के दिन क्या करें, क्या न करें
सप्तमी तिथि यानी आज दिन के समय कई स्थानों पर मडुआ की रोटी और मछली खाने की परंपरा होती है। वहीं, जिनके यहां मांसाहार नहीं बनता है, वो व्रती महिलाएं सात्विक भोजन ग्रहण करती हैं। सप्तमी तिथि के दिन ज्यादा हैवी और ऑयली खाना खाने से बचना चाहिए। क्योंकि यह व्रत बेहद लंबा होता है। ऐसे में व्रत रखने में आपको समस्या आ सकता है। खाना खाने के बाद अच्छी तरह दांत साफ करने चाहिए ताकि दांत में अन्न का कोई टुकड़ा न बचे।
जल्द मिलेंगी अधिक डिटेल्स
शैक्षिक योग्यता से जुड़ी विस्तृत जानकारी आयोग 16 सितंबर को जारी किए जाने वाले विस्तृत विज्ञापन में बताएगा. हालांकि सामान्य तौर पर इस पद के लिए कानून से जुड़ी डिग्री और जरूरी शर्तें होती हैं. पिछली बार अप्रैल 2022 में सहायक अभियोजन अधिकारी के 69 पदों के लिए विज्ञापन निकाला गया था. उस समय आयोग ने प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के साथ इंटरव्यू भी कराए थे. पूरी चयन प्रक्रिया लगभग 14 महीने में पूरी हुई थी और जून 2023 में अंतिम परिणाम घोषित कर दिया गया था. इस बार भी उम्मीदवारों को उम्मीद है कि भर्ती प्रक्रिया समय पर पूरी होगी.
जितिया व्रत ओठगन के नियम
इस बार अष्टमी तिथि 14 सितंबर को पड़ रही है। इस दिन सूर्योदय से पहले यानी ब्रह्म मुहूर्त में जितिया ओठगन रहेगा। इस दौरान व्रती महिलाएं चूड़ा, दही, पानी, नारियल पानी आदि ग्रहण कर सकती है। भोजन करने के बाद अपने शरीर को दरवाजे से टिकाकर पानी ग्रहण किया जाता है। माना जाता है कि इससे भाइयों की आयु भी लंबी होती है।
जितिया व्रत और पारण के नियम
ओठगन के बाद महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं। इस दौरान अन्न का एक दाना भी ग्रहण नहीं किया जाता है और न ही दातुन किया जाता है। इसके बाद, नवमी तिथि जो इस बार 15 सितंबर, रविवार को पड़ रही है। इस दिन सुबह 6 बजकर 35 मिनट पर अष्टमी तिथि समाप्त हो जाएगी। जिसके पश्चात विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए और फल, नारियल, अकड़ी आदि को ढककर रखना चाहिए। अपनी संतान से कपड़ा हटवाने के बाद प्रसाद ग्रहण करके व्रत का पारण करना चाहिए। साथ ही, इस दिन आम दतुअन से दातुन करने का विधान होता है।
कथाओं के अनुसार, व्रत का पारण गाय के कच्चे दूध से किया जाता है। कहा जाता है कि चील ने जितिया व्रत रखने के बाद गउशाला से गाय का कच्चा दूध लाकर इस व्रत का पारण किया था। ऐसी मान्यता भी है कि व्रती को व्रत वाले दिन खाना बनाना नहीं चाहिए और न सिलाई-बुनाई का काम करना चाहिए।