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डेल्टा के मुकाबले शरीर में 70 गुना तेजी से फैलता है ओमिक्रॉन, सांस की नली पर करता है पहला अटैक

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नई दिल्ली। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर एक चौंकाने वाली रिसर्च आई है। हांगकांग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि कोरोना के मूल रूप (SARS-CoV-2) और डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन वैरिएंट शरीर के अंदर भी 70 गुना तेजी से फैलता है। यह इंसानों की सांस नली से फेफड़ों तक पहुंचता है। हालांकि, इससे फेफड़ों को ज्यादा नुकसान होने का खतरा पिछले वैरिएंट्स के मुकाबले कम है।
हांगकांग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने ओमिक्रॉन के मरीजों पर स्टडी की। रिसर्च में पाया गया कि ओमिक्रॉन इंसान की सांस नली पर अटैक करता है। यह फेफड़ों तक पहुंचने का रास्ता होता है। केवल 24 घंटों के अंदर ही ओमिक्रॉन यहां तेजी से मल्टिप्लाई हो चुका था। यह कोरोना के मूल रूप और डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले 70 गुना तेज था। रिसर्च ने यह भी बताया कि ओमिक्रॉन वैरिएंट फेफड़ों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाता है। सांस तंत्र पर इसका प्रभाव दूसरे वैरिएंट्स से 10 गुना कम रहता है। इससे गंभीर बीमारियां होने का खतरा कम है।
प्रोफेसर माइकल चैन ची-वाई की मानें तो भले ही ओमिक्रॉन ज्यादा घातक नहीं है, लेकिन इसके संक्रमण फैलाने की गति लोगों को परेशान कर सकती है। इससे मौतें होने का खतरा अभी टला नहीं है। माइकल का कहना है कि यह मौजूदा वैक्सीन को चकमा दे सकता है।


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