नई दिल्ली। मौसम के उलटफेर से वैज्ञानिकों के माथे पर भी बल पड़ गया है तो वहीं ताजा परेशानी अंडमान सागर में बना साइक्लोनिक प्रेशर है, जिसके कारण दक्षिण भारत में भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका है। भारतीय मौसम विभाग ने अपने ताजा अपडेट में कहा है कि अंडमान सागर में बना लो प्रेशर एरिया West-North दिशा में मूव करने वाला है और ये तूफान में तब्दील हो सकता है। अगर ये प्रेशर स्टॉर्म में चेंज होता है तो इसका नाम ‘ मैंडूस’ ( Mandous) होगा, जिसकी वजह से तमिलनाडु, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश में भी भारी बरसात का अलर्ट जारी किया गया है।
बारिश की गतिविधियां 7 दिसंबर से
बारिश की गतिविधियां 7 दिसंबर से ही इन राज्यों में शुरू हो जाएंगी और वृहद रूप इसका 8 दिसंबर से 09 दिसंबर के बीच नजर आएगा इसलिए आईएमडी ने 8 दिसंबर के लिए तमिलनाडु के 13 जिलों और 9 दिसंबर के लिए 12 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। जिन जिलों में बहुत ज्यादा भारी बारिश होने की संभावना है उनमें राजधानी चेन्नई, कांचीपुरम, तिरुवल्लूर और चेंगलपेट शामिल है।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में NDRF की 6 टीमें तैनात की गई हैं तो वहीं 8-9 दिसंबर के लिए मछुआरों को बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में जाने से रोका गया है। वैज्ञानिक इस तूफान पर नजर रखे हुए हैं, उनका कहना है कि जिस वक्त ये तूफान तटीय किनारों से टकराएगा उस वक्त 75 किमी से लेकर 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं भी चलेंगी। अगर ‘मैंडूस’ तूफान एक्टिव होता है तो ये मानसून के बाद दूसरा चक्रवाती तूफान होगा।
क्या होता है चक्रवात
आमतौर पर समुद्री तूफान को चक्रवात कहा जाता है, इस दौरान बहुत ज्यादा बारिश होती है और हवाएं चलती हैं। इस तूफान की तीव्रता बहुत ज्यादा होती है और इसी वजह से जान-माल के नुकसान का काफी भय होता है। विज्ञान के शब्दों में कहें तो सलाइक्लोन या चक्रवाती तूफान एक घूमती हुई वायुराशि है, जिसके सेंट्रल को Thunderstorm कहते हैं। ये दो तरह के होते हैं। एक का नाम है Tropical Cyclone और एक का नाम है Temperate Cyclone। जो तूफान कर्क और मकर रेखा के बीच में आते हैं उन्हें Tropical Cyclone और जो उत्तरी-दक्षिणी गोलार्ध के बीच में आते हैं उन्हें Temperate Cyclone कहा जाता है।
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