तृणमूल छोड़ भाजपा में शामिल होने वाले तीन नेताओं पर गिरी गांज, अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से जिला परिषद से हटाए गए
मालदा। तृणमूल के निर्वाचित सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से मालदा जिला परिषद से भाजपा के तीन नेताओं को हटा दिया है।मालदा जिला परिषद के सम्मेलन कक्ष में अविश्वास प्रस्ताव ला कर तीनों कर्माध्यक्षो को हटा दिया गया। अविश्वास प्रस्ताव में प्रशासन की ओर से अतिरिक्त जिला अधिकारी विश्वजीत बारेक उपस्थित थे । इसके साथ ही चंदना सरकार, जिला परिषद की सहायक अध्यक्ष एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित थे।
तृणमूल ने भाजपा के तीन नेताओं को 43-0 के वोट से हटा दिया। मालदा जिला परिषद के सूत्रों के अनुसार, अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से हटाए गए तीन कर्माध्यक्षो के नाम मत्स्य पालन प्रमुख सरला मुर्मू, जन स्वास्थ्य प्रमुख पायल खातून और वन कार्यकर्ता पिंकी सरकार महतो है । ये तीनों जिला परिषद के निर्वाचित सदस्य हैं औरपिछले विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल से भाजपा में शामिल हुए थे। विधानसभा चुनाव के बाद मालदा जिला परिषद के 23 निर्वाचित तृणमूल सदस्यों ने तीन कर्माध्यक्षों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दाखिल किया। जिला प्रशासन ने मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव का दिन तय किया। इस बैठक में जिला परिषद के सदस्यों के अलावा विभिन्न पंचायत संघों के सदस्य, अध्यक्ष और विधायक भी मौजूद थे। बाद में तृणमूल जिलाध्यक्ष और विधायक अब्दुर रहीम बक्सी ने कहा कि तीनों कर्माध्यक्ष विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल से भाजपा में शामिल हुए थे। उन्हें आज अविश्वास के जरिए हटा दिया गया है। आज की अविश्वास बैठक में जिला परिषद के 37 निर्वाचित सदस्यों सहित कुल 75 जनप्रतिनिधियों को उपस्थित होना था। कई लोग विभिन्न कारणों से नहीं आये, लेकिन 43 लोग मौजूद थे। इनमें से प्रत्येक ने तृणमूल का समर्थन किया और भाजपा के तीन नेताओं को हटा दिया गया। बताया जाता है सभाधिपति के भाजपा में शामिल होने के बाद उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। बाद में सभाधिपति गौड़ चंद्र मंडल ने इस्तीफा दे दिया। वर्तमान में मालदा जिला परिषद के अध्यक्ष का पद रिक्त है। इसका गठन राज्य नेतृत्व के निर्देशन में किया जाएगा। इस अवसर पर अपर जिला राज्यपाल विश्वजीत बरेक ने बताया कि सरकारी नियमानुसार जिला परिषद के तीन कार्यकारी प्रमुखों को हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है।
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