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दार्जिलिंग के लाल हवलदार सतपाल राई का हुआ अंतिम संस्कार, नम आँखों ने दी गई अंतिम विदाई 

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दार्जिलिंग। हेलीकाप्टर दुर्घटना में रक्षा प्रमुख बिपिन रावत के साथ शहीद हुए दार्जिलिंग के सपूत हवालदार सतपाल राय का सोमवार को उनके निवास स्थल दार्जीलिंग के तकदाह में पूरे राष्ट्रीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। राय समुदाय के रीति-रिवाजों के अनुसार राजकीय सलामी के साथ सतपाल राय का अंतिम संस्कार किया गया। इस अवसर पर दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट, दार्जिलिंग के विधायक नीरज जिम्बा, भारतीय गोरखा प्रजातात्रिक मोर्चा के केन्द्रीय कमेटी अध्यक्ष व तत्कालीन जीटीए चेयरमैन अनित थापा समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। वीर जवान  को आज सुबह 11 बजे गोरखा जनजाति के रिवाजों के अनुसार घर के पास अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम विदाई समारोह में सतपाल का पूरा परिवार मौजूद था। उनके परिवार में मां, पत्नी और दो बच्चे हैं। इसके अलावा दार्जिलिंग से सांसद राजू बिस्ट और सिलीगुड़ी प्रशासन के प्रमुख गौतम देव उन्हें अंतिम दर्शन देने के लिए मौजूद थे। उन्होंने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। वहां सेना और जवान के अधिकारी भी मौजूद थे।
आपको बता दें की सतपाल राई 2001 में सेना में शामिल हुए राय जनरल रावत के निजी सुरक्षा अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। लेकिन पिछले सप्ताह बुधवार की सुबह तमिलनाडु के नील गिरी पर्वत माला की गोद में बसे कुन्नुर में भारतीय वायु सेना का एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। इस हेलीकॉप्टर में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत कुल 13 जवान सवार थे। इस हादसे में पत्नी समेत सीडीएस जनरल रावत और 11 जवान शहीद हो गए। जिनमें सीडीएस जनरल रावत के अंगरक्षक (पीएसओ) 5/11 गोरखा रायफल्स के हवलदार सतपाल राई भी शहीद हो गए। शहीद सतपाल राई का बेटा भी इसी फौज का एक सैनिक है। दुर्घटना के पांच दिन बाद रविवार की दोपहर वायु सेना के विशेष एयरक्राफ्ट के मार्फत दिल्ली के पालम एयरबेस से बागडोगरा स्थित वायुसेना के अल्फा जोन भेजा गया था। जहां से भारतीय सेना के वाहन में शव को बागडोगरा के बेंगडुबी स्थित 158 आर्मी बेस कैंप के आपातकाल परिसर में लाया गया और शहीद को अंतिम श्रद्धांजलि दी गई। शहीद के सम्मान में गोर्खा रायफल्स से अवसर प्राप्त कई अधिकारी व सैनिक उपस्थित थे और अंतिम श्रद्धांजलि दी। इस दौरान वीर शहीद सतपाल राई अमर रहे के नारे लगाए गए। इसके साथ ही सुकना सैन्य छावनी 33 कोर के सीएमडीआर टेफ्टिनेट जनरल ए के आइच, डिप्टी जीओसी (सब एरिया), एयरफोर्स के एओसी ए त्रिपाठी और सेना के अधिकारी व जवानों ने भी शहीद को श्रद्धांजलि दी थी। इसके बाद दार्जीलिंग के तकदाह ले जाया गया था और आज अंतिम संस्कार किया गया।


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