नई दिल्ली: दिल्ली कार ब्लास्ट केस में लगातार खुलासे सामने आ रहे। एजेंसियों ने दावा किया कि कई धमाकों से देश को दहलाने की साजिश थी। अयोध्या भी निशाने पर था। वहीं लाल किले के पास हुए कार धमाके का मुख्य आरोपी डॉक्टर उमर उन नबी ही थी। डीएनए टेस्ट से ये कन्फर्म हो गया है। सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि उमर और उसके साथियों ने मिलकर बड़े और खतरनाक आतंकी हमले की साजिश तैयार की थी। इसमें कई गाड़ियों में बम लगाकर धमाके करना और फिर असॉल्ट राइफलों से फायरिंग करना शामिल था। दिल्ली ब्लास्ट केस में तुर्की कनेक्शन भी सामने आया है।
दिल्ली ब्लास्ट, तीन गाड़ियां और सनसनीखेज दावा
सूत्रों के मुताबिक, साजिशकर्ताओं ने इस हमले के लिए तीन गाड़ियां भी खरीदी थीं। इनमें एक i20 कार थी, जो धमाके में इस्तेमाल हुई। इसके अलावा एक लाल रंग की फोर्ड इकोस्पोर्ट और एक ब्रीजा कार भी थी। सुरक्षा एजेंसियों ने इन दोनों कारों के लिए बी ऑन द लुकआउट नोटिस जारी किया था। इसका मतलब है कि इन कारों में भी और विस्फोटक हो सकते थे। इस बीच Ford Ecosport कार, जिसका दिल्ली रजिस्ट्रेशन नंबर 0458 है, फरीदाबाद में मिल गई है। अभी ब्रीजा कार की तलाश जारी है।
दिल्ली ही नहीं अयोध्या भी था निशाने पर
सूत्रों के मुताबिक, ये गाड़ियां उमर ने ही खरीदी थीं। जांच में यह भी पता चला है कि वे दिल्ली के अलावा अयोध्या को भी निशाना बनाने की फिराक में थे। अयोध्या में 25 नवंबर को राम मंदिर के ऊपर भगवा झंडा फहराने के दौरान हमला करने की कोशिश थी। संदिग्धों ने बताया है कि वे अमोनियम नाइट्रेट और आरडीएक्स का मिश्रण इस्तेमाल करने वाले थे और उन्होंने इसे इकट्ठा भी कर लिया था।
तुर्की में बैठे थे हैंडलर, कोडनेम ‘उकासा’
हालांकि, यह साफ नहीं है कि कार में यही विस्फोटक था या नहीं। इस पूरी साजिश की शुरुआत 2022 में तुर्की में हुई थी। जैसा कि हमारे सहयोगी अखबार टीओआई ने पहले ही बताया था, उमर अपने तुर्की में बैठे हैंडलर, जिसका कोडनेम ‘उकासा’ है, के निर्देशों पर काम कर रहा था। लाल किले के पास हुए कार धमाके के एक दिन बाद, गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा अधिकारियों के साथ कई बैठकें कीं। उन्होंने सभी एजेंसियों को इस मामले में शामिल हर एक दोषी को पकड़ने का आदेश दिया है।
‘जांच एजेंसियां दोषियों को बख्शेंगी नहीं’
अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि इस कृत्य में शामिल हर व्यक्ति को हमारी एजेंसियां बख्शेंगी नहीं। गृह मंत्री ने मंगलवार को इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपने का फैसला किया। इससे साफ है कि यह एक आतंकी हमला है। सूत्रों का कहना है कि यह शायद जैश-ए-मोहम्मद के एक मॉड्यूल से जुड़ा हो सकता है।
क्या 25 नवंबर को था एक और ब्लास्ट का प्लान?
जांच में यह भी सामने आया है कि ये लोग सिर्फ दिल्ली में ही नहीं, बल्कि अयोध्या में भी हमला करने की सोच रहे थे। 25 नवंबर को जब राम मंदिर के ऊपर झंडा फहराया जाना था, तब वे वहां हमला करने की योजना बना रहे थे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि लाल किला के नजदीक धमाका करने से पहले आतंकी उमर एक मस्जिद में भी गया था। वह वहां करीब 10 मिनट से ज्यादा वक्त तक रुका था, जिसके बाद लाल किले की तरफ चला गया। 10 नवंबर की शाम करीब 7 बजे उमर ने अपने समेत पूरी गाड़ी को उड़ा दिया।