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नजरबंद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती हुईं रिहा

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जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को मंगलवार की रात हिरासत से रिहा कर दिया गया। जम्मू कश्मीर प्रशासन के प्रवक्ता रोहित कंसल ने कहा- ‘पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती को हिरासत में रिहा किया जा रहा है।’ वह पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के बाद से ही हिरासत में थीं। पिछले साल अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाए जाने के बाद उन्हें हिरासत में लिया गया था।

उच्चतम न्यायालय में उन्हें हिरासत में रखने से जुड़े मामले पर अगली सुनवाई होने से महज दो दिन पहले यह कदम उठाया गया है।उपायुक्त ने आदेश दिया कि तत्काल प्रभाव से महबूबा से पीएसए हटाया जाए। उनकी हिरासत इस साल 31 जुलाई को तीन महीने के लिए बढ़ा दी गयी थी।

महबूबा (60) को पिछले साल पांच अगस्त को पहले एहतियाती हिरासत में रखा गया था और बाद में छह फरवरी को उन पर कठोर पीएसए कानून लगा दिया गया। उन्हें सात अप्रैल को उनके सरकारी निवास में ले जाया गया जिसे प्रशासन ने पहले उप-जेल घोषित किया था।

उनकी बेटी इल्तिजा ने खुशी प्रकट करते हुए कहा कि उनकी मां आखिरकार हिरासत से मुक्त कर दी गयीं। इल्तिजा ने हिरासत को ”अवैध, गैर कानूनी” बताया। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ” मैं अब आशा करती हूं कि केंद्रशासित प्रदेश और उसके बाहर विभिन्न जेलों में साल भर से रखे गए युवा भी शीघ्र ही रिहा किए जाएंगे।

जम्मू कश्मीर के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने 14 महीने बाद पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को रिहा किए जाने का स्वागत किया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ” मुझे यह सुनकर खुशी हुई कि महबूबा मुफ्ती साहिबा को एक साल से अधिक समय बाद हिरासत से रिहा कर दिया गया। उनकी निरंतर हिरासत हास्यास्पद और लोकतंत्र के मूल तत्वों के विरूद्ध थी। बाहर आने पर महबूबा का स्वागत।

माकपा नेता मोहम्मद तारिगामी ने कहा कि मुफ्ती की रिहाई स्वागत योग्य राहत है लेकिन प्रशासन को पांच अगस्त से पूर्व हिरासत में लिए गए सभी अन्य बंदियों के बारे में भी विचार करना चाहिए। इल्तिजा पीएसए के तहत अपनी मां को निरंतर हिरासत में रखे जाने के खिलाफ पिछले महीने भी उच्चतम न्यायालय गई थीं।  जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं – फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला को भी पीएसए के तहत हिरासत में लिया गया था लेकिन उन्हें मार्च में रिहा कर दिया गया था।

उच्चतम न्यायालय ने 29 सितंबर को सुनवाई के दौरान जम्मू कश्मीर प्रशासन को इस बात पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए दो सप्ताह का वक्त दिया था कि महबूबा को कब तक हिरासत में रखा जा सकता है और क्या उनकी हिरासत एक साल के बाद भी बढ़ायी जा सकती है। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अगुवाई वाली पीठ ने कहा था, ” उनकी हिरासत पर जम्मू कश्मीर प्रशासन का क्या प्रस्ताव है।

अदालत इस विषय पर इसी सप्ताह सुनवाई करने वाली थी।  जम्मू कश्मीर सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने मंगलवार को ट्वीट किया था, ”महबूबा मुफ्ती को रिहा किया जा रहा है।” उसके कुछ ही मिन बाद पीडीपी के एक प्रवक्ता ने कहा कि महबूबा 16 अक्टूबर को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करेंगी।


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