नामुमकिन को मुमकिन : सिलेंडर डिलीवरी करने वाले का बेटा, खुद किया झाड़ू-पोछे का काम, अब आईपीएल में दिखाया सबसे बड़ा कमाल
अहमदाबाद। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) ने कई जिंदगियों को छुआ और बदला है। आईपीएल के मंच से कई खिलाड़ियों की जिंदगी बदल चुकी है। भारतीय घरेलू क्रिकेट में अपना जलवा बिखेरने वाले प्लेयरों के लिए आईपीएल सबसे पहला बड़ा मंच होता है जहाँ वो अपना हुनर दिखा सकते हैं। वहीं आईपीएल का 15वाँ सीजन कई युवा खिलाड़ियों के लिए काफी शानदार साबित होता दिख रहा है। कई युवा खिलाड़ियों ने अपने टैलेंट से क्रिकेट विशेषज्ञों को काफी प्रभावित किया है। सोमवार को कोलकाता नाइट राइडर्स की राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ जीत से अधिक चर्चा उस खिलाड़ी की हो रही है जिसके नाम से बहुत सारे क्रिकेट प्रेमी वाकिफ भी नहीं थे।
जी हाँ! आप सही सोच रहे है। यहाँ बात रिंकू सिंह की हो रही है जिनकी बदौलत कोलकाता की टीम ने अपने पिछले मैच में शानदार जीत हासिल की। सोमवार को खेले गए मुकाबले में कोलकाता ने राजस्थान रॉयल्स (RR) को सात विकेट से मात दी। इस जीत के बाद दो बार की चैम्पियन कोलकाता प्वाइंट्स टेबल में पंजाब किंग्स (PBKS) को पीछे छोड़ते हुए सातवें नंबर पर आ गई है।
कोलकाता नाइट राइडर्स की जीत के हीरो रिंकू सिंह ‘मैन ऑफ द मैच’ रहे, जिन्होंने 23 गेंद पर 42 रनों की नाबाद पारी खेली। पहली गेंद पर उमेश यादव ने सिंगल लिया, इसके बाद रिंकू सिंह यश दयाल की बची हुई गेंद पर 5 छक्के जड़कर टीम को जीत दिला दी। बैटिंग के साथ ही रिंकू ने फील्डिंग करते हुए दो शानदार कैच भी लपके। रिंकू ने अपनी मैच की विजयी पारी के दौरान नीतीश राणा के साथ चौथे विकेट के लिए 38 गेंद में नाबाद 66 रनों की साझेदारी की। राणा ने भी 37 गेंद में नाबाद 48 रन बनाए, जिसमें 2 छक्के और 3 चौके शामिल रहे।
मैच के बाद केकेआर ने रिंकू सिंह का एक वीडियो भी शेयर किया है। इसमें रिंकू टीम मेट नीतीश राणा को कह रहे हैं, “मुझे सुबह से ही ऐसी फीलिंग आ रही थी कि मैं आज के मैच में रन बनाने जा रहा हूँ। साथ ही मैं मैन ऑफ द मैच भी रहूँगा। इसलिए मैंने मैच से पहले खुद ही अपने हाथों पर लिख लिया था कि आज 50 रन बनाऊँगा।”
रिंकू सिंह कहते हैं, “मैं अलीगढ़ से आईपीएल खेलने वाला पहला व्यक्ति हूँ, हालाँकि कई ने रणजी ट्रॉफी खेली है। आईपीएल में दबाव है जो फर्स्ट क्लास क्रिकेट में नहीं है। पाँच साल हो गए हैं। मुझे नियमित रूप से मौके नहीं मिल रहे हैं। अब योगदान करना अच्छा लगता है।”
महज़ 24 साल में रिंकू सिंह की कामयाबी बताती है कि जब दिल मे जोश और कुछ कर जाने का जुनून हो तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है। रिंकू ने 2014 मे टी20 से क्रिकेट में डेब्यू किया था। हालाँकि, उनका यहाँ तक का सफर आसान नहीं था। यूपी के अलीगढ़ में 12 अक्टूबर 1997 को जन्मे रिंकू सिंह का क्रिकेट करियर काफी उतार चढ़ाव भरा रहा है। उनके पिता गैस सिलिंडर डिलीवर करने का काम करते थे।
घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण उन्होंने क्रिकेट छोड़कर नौकरी भी करने का फैसला किया था। 9वीं कक्षा में फेल होने वाले रिंकू सिंह को ज्यादा पढ़ा लिखा न होने की वजह से ढंग की नौकरी नहीं मिल रही थी। फिर एक बार उनके भाई उनको एक ऐसी जगह लेकर गए, जहाँ पर झाड़ू लगाने का काम था। वह इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहते हैं, “वह मुझे एक ऐसी जगह पर ले गए जहाँ उन्होंने मुझे साफ, सफाई, झाड़ू, पोछा करने के लिए कहा गया। मैं घर वापस आया और अपनी माँ से कहा, ‘मैं वहाँ वापस नहीं जाऊँगा। मुझे क्रिकेट में अपनी किस्मत आजमाने दो।”
रिंकू सिंह ने उस वक्त जान लिया था कि उनकी लाइफ अगर कोई बदल सकता है तो वो केवल और केवल क्रिकेट ही है। उन्होंने क्रिकेट पर पूरा फोकस करने का मन बनाया और दिल्ली में खेले गए टूर्नामेंट में उन्हें ‘मैन ऑफ द सीरीज’ के तौर पर मोटरसाइकल मिली तो उन्होंने इसे अपने पापा को सिलेंडर डिलीवरी के लिए दे दी थी। उस समय उनके पिता को उन पर गर्व महसूस हुआ था।
इस बारे में बात करते हुए वह कहते हैं, “मेरे पिता वाकई में नहीं चाहते थे कि मैं क्रिकेट खेलूँ। वह हमेशा इस बात पर जोर देते थे कि मुझे पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए। यह टूर्नामेंट अलीगढ़ में था और मैच के दौरान दिल्ली पब्लिक स्कूल के सुप्रीमो स्वप्निल जैन मौजूद थे। हमने उनकी टीम को हराया और मैंने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। मैं 68 रन पर नाबाद था। मेरी बल्लेबाजी देखकर उन्होंने मुझे अपने स्कूल में दाखिला दिला दिया। मैंने कुछ साल डीपीएस के लिए खेला। 2012 में, उन्होंने एक विश्व कप का आयोजन किया था जहाँ पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश की टीमें खेलने आई थीं। मैंने 354 रन बनाए और 8 विकेट लिए, जिसकी वजह से मुझे ‘मैन ऑफ द सीरीज’ का अवॉर्ड और बाइक दी गई। मेरे माता-पिता ग्राउंड पर आए हुए थे। जब भी मैं क्रिकेट खेलना चाहता था तो मेरे पिता अक्सर मुझे पीटते थे लेकिन इस मैच के बाद उन्होंने मुझे फिर कभी नहीं छुआ।”
आईपीएल से रिंकू सिंह का नाता पहली बार 2017 में जुड़ा था, जब पंजाब किंग्स की टीम ने उन्हें बेस प्राइस पर 10 लाख रुपए में खरीदा था। अगले ही साल यानी साल 2018 के ऑक्शन में रिंकू पंजाब से कोलकाता के हो गए। इस बार बेस प्राइस 20 लाख थी पर कोलकाता ने 80 लाख रुपए में उन्हें खरीदा था। उस समय यह रिंकू सिंह के लिए सपने जैसा था।
वह कहते हैं, “सोचा था 20 लाख रुपए मिलेंगे, लेकिन मुझे 80 लाख रुपए में खरीदा गया। सबसे पहले मन में यह ख्याल आया कि मैं अपने बड़े भाई की शादी में योगदान दे सकता हूँ और अपनी बहन की शादी के लिए भी कुछ बचा सकता हूँ। और एक अच्छे से घर में शिफ्ट हो जाऊँगा।” उन्होंने कहा, “मेरा घरेलू सीजन अच्छा गया था और मैं उम्मीद कर रहा था कि कोई मुझे खरीदेगा, लेकिन मैंने ये कभी नहीं सोचा था कि मुुझे इतनी बड़ी रकम दी जाएगी। मेरे खानदान में इतना पैसा किसी ने भी नहीं देखा है।” खैर, पैसे तो मिल गए लेकिन रिंकू सिंह को खेलने के उतने मौके नहीं मिले। IPL 2022 से पहले तक उन्होंने सिर्फ 10 ही मुकाबले KKR फ्रेंचाइजी के लिए खेले।
IPL 2022 के मेगा ऑक्शन में रिंकू सिंह का नाम एक बार फिर से उछला और इस बार भी उन्हें KKR ने 55 लाख रुपए में खरीदा। पिछले ऑक्शन के मुकाबले दाम कम जरूर मिले, पर अच्छी चीज ये हुई कि इस बार रिंकू सिंह को खेलने का अवसर मिल रहा है। IPL 2022 में रिंकू सिंह KKR के लिए अब तक 3 मैच खेल चुुके हैं, जिसमें 50 की औसत और करीब 150 की स्ट्राइक रेट से वो 100 रन बना चुके हैं। इन 3 मुकाबलों में वो एक में राजस्थान के खिलाफ जीत के नायक बनकर उभरे।
रिंकू सिंह ने घरेलू क्रिकेट में काफी रन बनाए हैं, जिसका फायदा उन्हें IPL में खेलने के मिले मौके के तौर पर हुआ। उनका कहना है कि IPL दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग है। इसका दबाव घरेलू क्रिकेट से कहीं बढ़कर है। पर ये बात जानने के बाद भी उन्होंने इस दबाव पर राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मैच में बेहतरीन ढ़ंग से जीत हासिल की।
KKR के कप्तान श्रेयस अय्यर भी रिंकू सिंह के दवाब झेलने वाली अदा पर मोहित हैं। मैच के बाद उन्होंने कहा कि जिस तरह से रिंकू मैदान पर शांत थे, दबाव झेल रहे थे। ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई नया खिलाड़ी नहीं, बल्कि तजुर्बेकार खिलाड़ी खेल रहा हो। वहीं सुरेश रैना भी उनकी तारीफ में कसीदे पढ़ चुके हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “रिंकू सिंह- घरेलू क्रिकेट की सारी मेहनत अब रंग ला रही है। केकेआर के लिए खेली गई बेहद कीमती पारी। अच्छा किया मेरे भाई। ऐसे ही अच्छा करते रहो और उत्तर प्रदेश का नाम ऊँचा करते रहो।”
IPL करियर के बीते 5 सालों के दौरान वो चोट की मार से लेकर BCCI के नियम उल्लंघन को लेकर सस्पेंशन तक झेल चुके हैं। मगर उन्होंने अपना जज्बा बरकरार रखा और आज हर किसी की जुबाँ पर रिंकू सिंह का नाम है। यहाँ तक कि सुनील गावस्कर ने भी उनकी तारीफ की है।
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