नई दिल्ली। अगर आप एक निवेशक है तो आपके लिए एक सुनहरा मौका आने वाला है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) 6 अप्रैल को एक नए पांच वर्षीय सरकारी बॉन्ड की नीलामी करने जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य फंड इकट्ठा करना है। इसलिए, अगर एक सुरक्षित निवेश की योजना बना रहे हैं तो इस बॉन्ड में निवेश एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
5 साल के लिए लाए जा रहे हैं Bond
आरबीआई द्वारा जारी बॉन्ड 2028 में मेच्योर होने वाले हैं, जिसके जरिए आरबीआई 8,000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। इसके अलावा, 2033 और 2052 में मेच्योर होने वाले बॉन्ड को भी बाद के समय में लाया जाना है और तीनों बॉन्ड की नीलामी करके आरबीआई कुल 33,000 करोड़ रुपये जुटाने का इरादा रखती है। साथ ही, भारत सरकार के पास प्रत्येक सुरक्षा के लिए 2,000 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त सदस्यता बनाए रखने का भी विकल्प होगा।
इलेक्टोरल बॉन्ड की शुरू हो गई है बिक्री
पांच वर्षीय सरकारी बॉन्ड के अलावा, सरकार ने हाल ही में इलेक्टोरल बॉन्ड की 26वीं खेप जारी करने की मंजूरी भी दे दी है। 3 अप्रैल से इसकी बिक्री शुरू कर दी गई है और राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद चंदे के विकल्प के रूप में इलेक्टोरल बॉन्ड पेश किया गया। बिक्री के 26वें चरण में 3 से 12 अप्रैल तक 29 अधिकृत शाखाओं के माध्यम से इलेक्टोरल बॉन्ड जारी करने और भुनाने के लिए अधिकृत किया गया है।
बता दें कि इलेक्टोरल बॉन्ड का आखिरी चरण 19 से 28 जनवरी, 2023 के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था और बॉन्ड जारी होने की तारीख से 15 दिनों के लिए वैध होगा। इसके बाद जम होने वाले बॉन्ड पर किसी भी राजनीतिक दल को कोई भुगतान नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि राजनीतिक दलों के चुनावी चंदे को पारदर्शी बनाने के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड को लाया गया है और ये एक हजार, दस हजार, एक लाख, दस लाख तथा एक करोड़ रुपये के मूल्य के होते हैं।
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