पटना। बिहार में नीतीश कैबिनेट का आज विस्तार हुआ। राजभवन में राज्यपाल फागू चौहान 31 मंत्रियों को शपथ दिलाई। मंत्रियों ने पांच-पांच के बैच में शपथ ली। मंत्री बनने वाले कुल 31 विधायकों में आरजेडी से सबसे ज्यादा 16, जेडीयू से 11, कांग्रेस से 2, हम से एक और एक निर्दलीय शामिल है। लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप शपथ लेने वाले पहले 5 विधायकों में शामिल रहे।
अगड़ी जातियों के मंत्रियों की संख्या घटी
महागठबंधन की नई सरकार में सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखकर मंत्री बनाए गए हैं। ओबीसी-ईबीसी से सबसे ज्यादा 17, दलित-5 और 5 मुस्लिम शामिल हैं। एनडीए गठबंधन के मुकाबले अगड़ी जातियों का प्रतिनिधित्व इस बार घटा है। पिछली बार अपर कास्ट के 11 मंत्री थे, जो इस बार घटकर 6 हो गए हैं। वहीं पिछली बार ओबीसी -ईबीसी से 13 मंत्री थे, जबकि मुस्लिम 2 मंत्रिमंडल में शामिल थे।
मंत्रिमंडल में सभी जातियों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। हालांकि सबसे ज्यादा फोकस ओबीसी और ईबीसी पर किया गया है। जाति की बात करें तो सबसे ज्यादा यादव जाति के 6 विधायक इस बार मंत्रिमंडल में शामिल हैं। आरजेडी की तरफ से 5 और जदयू की तरफ से एक यादव विधायक मंत्री बने हैं। पिछले मंत्रिमंडल में इस जाति से सिर्फ 2 मंत्री थे।
जदयू से कुशवाहा, आरजेडी से भाई वीरेंद्र नाराज
कैबिनेट विस्तार के बाद जदयू और आरजेडी में नाराजगी की खबर है। बताया जा रहा है कि जदयू से उपेंद्र कुशवाहा, तो आरजेडी से भाई वीरेंद्र नाराज हैं। दोनों का नाम मंत्री बनने की रेस में सबसे आगे था, लेकिन ऐन वक्त पर पत्ता कट गया। सियासी गलियारों में कहा जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा नाराज होकर दिल्ली भी चले गए हैं।
विभाग बंटवारे पर भी फैसला आज ही संभव
सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट विस्तार के बाद नीतीश सरकार में मंत्रियों के विभाग बंटवारे पर भी फैसला मंगलवार को ही होने की संभावनाएं है। गृह मंत्रालय नीतीश कुमार के पास ही रहेगा। इसके अलावा, भाजपा के पास अब तक जो मंत्रालय थे, वो सभी राजद को दिए जा सकते हैं। वहीं सबकी नजर तेजस्वी को मिलने वाले विभाग पर है।
माले बोली- सरकार में शामिल नहीं होंगे
नीतीश सरकार को सपोर्ट दे रही भाकपा माले ने सरकार में शामिल होने से इनकार कर दिया है। माले के 12 विधायक हैं। माले गठबंधन में तेजस्वी यादव के साथ 2020 में चुनाव लड़ी थी। हालांकि, भाकपा ने सरकार में उचित सम्मान मिलने पर शामिल होने की बात कही है।
8वीं बार मुख्यमंत्री बने नीतीश, 164 विधायकों का सपोर्ट
नीतीश कुमार 10 अगस्त को बिहार के 8वीं बार मुख्यमंत्री बने। उनके पास 164 विधायकों का सपोर्ट है। एनडीए से अलग होने के बाद नीतीश कुमार महागठबंधन के नेता चुने गए थे, जिसके बाद 10 अगस्त को उन्होंने तेजस्वी यादव के साथ शपथ ली थी।