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नेपाल में नए सूर्य का उदय : सुशीला कार्की बनीं पहली महिला प्रधानमंत्री, कर्फ्यू हटा, हालात होने लगे है सामान्य

काठमांडू : नेपाल की राजनीति में एक ऐतिहासिक मोड़ आ गया है। लंबे समय से जारी राजनीतिक अस्थिरता, भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलनों और हिंसक प्रदर्शनों के बाद देश को आखिरकार एक नई अंतरिम सरकार मिल गई है। पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला. . .

काठमांडू : नेपाल की राजनीति में एक ऐतिहासिक मोड़ आ गया है। लंबे समय से जारी राजनीतिक अस्थिरता, भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलनों और हिंसक प्रदर्शनों के बाद देश को आखिरकार एक नई अंतरिम सरकार मिल गई है। पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की ने नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली है। इस कदम को देश में “नए सूर्य का उदय” माना जा रहा है।

केपी शर्मा ओली का इस्तीफा और देशव्यापी अशांति

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को देशभर में फैले भारी विरोध और भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते इस्तीफा देना पड़ा। राजधानी काठमांडू में हुए हिंसक प्रदर्शनों और सरकारी कार्यालयों पर हमलों ने हालात बेहद गंभीर बना दिए थे। सैकड़ों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के दफ्तर में घुस गए थे और इस्तीफे की मांग कर रहे थे।

हिंसा में 51 की मौत, 1700 घायल

पिछले दिनों हुए प्रदर्शनों में अब तक 51 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 21 प्रदर्शनकारी, 9 कैदी, 3 पुलिसकर्मी और 18 अन्य लोग शामिल हैं। करीब 1,700 लोग घायल हुए, जिनमें से 1,000 से ज्यादा लोग ठीक होकर घर लौट चुके हैं।

कर्फ्यू हटाया गया, सामान्य हो रहा जनजीवन

अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। काठमांडू में लगाया गया कर्फ्यू आज सुबह 5 बजे हटा दिया गया है। हालांकि, सुरक्षा के मद्देनज़र सेना की मौजूदगी अभी बनी रहेगी। टूटी-फूटी पुलिस चौकियों और थानों को फिर से दुरुस्त किया जा रहा है।

भारी नुकसान, होटल इंडस्ट्री पर सबसे बड़ा असर

इस हिंसा का सबसे गहरा असर होटल और टूरिज्म सेक्टर पर पड़ा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, करीब दो दर्जन होटलों में आगजनी और लूटपाट से 25 अरब नेपाली रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।

सुशीला कार्की से जनता को उम्मीद

नेपाल की जनता को सुशीला कार्की से बड़े बदलाव की उम्मीद है। स्थानीय निवासी सुमन सिवाकोटी कहते हैं, “मुझे विश्वास है कि सुशीला कार्की नेपाल को एक नई दिशा देंगी। अब भ्रष्टाचार मुक्त सरकार की शुरुआत होनी चाहिए।” बीरगंज समेत देश के अन्य हिस्सों में भी यही भावना देखी जा रही है।

भ्रष्टाचार पर सख्ती की मांग

प्रदर्शनकारियों की सबसे बड़ी मांग रही है—भ्रष्ट नेताओं और मंत्रियों की जांच। जनता को उम्मीद है कि नई सरकार में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और दोषियों की संपत्तियों की जांच की जाएगी।

पुलिस ने मांगा सहयोग

नेपाल पुलिस ने हिंसा से जुड़े वीडियो और सबूत जनता से साझा करने की अपील की है ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। इसके लिए एक आधिकारिक ईमेल आईडी जारी की गई है।

ऐतिहासिक बदलाव

नेपाल में एक ऐतिहासिक बदलाव की शुरुआत हो चुकी है। सुशीला कार्की के नेतृत्व में अंतरिम सरकार से लोगों को उम्मीद है कि अब देश राजनीतिक अस्थिरता, भ्रष्टाचार और हिंसा के अंधेरे से निकलकर शांति, विकास और सुशासन की दिशा में बढ़ेगा।

यह बदलाव सिर्फ सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि जनता की ताकत और लोकतंत्र की जीत का प्रतीक बनकर सामने आया है।