नेशनल टेक्नोलॉजी डे पर पीएम मोदी ने रखी कई वैज्ञानिक परियोजनाओं की आधारशिला, जारी किया डाक टिकट और बोले- वैज्ञानिकों ने भारत का सामर्थ्य बढ़ाया
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने नेशनल टेक्नोलॉजी डे के अवसर पर कई वैज्ञानिक परियोजनाओं की आधारशिला रखी और सम्मान में स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी किया। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वो उस दिन को कभी नहीं भूल सकते हैं जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल जी ने भारत के सफल परमाणु परीक्षण की घोषणा की थी। यह भारत के लोगों के लिए हमेशा याद रहने वाला दिन था। इस परमाणु परीक्षण से भारत ने न केवल अपने वैज्ञानिकों के सामर्थ्य को विश्व के सामने साबित किया था, बल्कि वैश्विक पटल पर भारत के कद को भी नई ऊंचाई दी थी।
2014 के बाद से भारत ने जिस तरह से साइंस और प्रौद्योगिकी पर जोर दिया है वह बड़े बदलावों का कारण बना है। पहले जो साइंस सिर्फ किताबों तक सीमित था वह अब प्रयोग से आगे बढ़कर पेटेंट में बदल रहे हैं। भारत में 10 साल पहले 1 साल में 4 हजार पेटेंट ग्रांट होते थे लेकिन आज इनकी संख्या 30… pic.twitter.com/VisJ1aXVi। मैं उस दिन को कभी नहीं भूल सकता जब अटल जी ने भारत के सफल परमाणु परीक्षण की घोषणा की थी। इससे भारत ने न केवल अपने वैज्ञानिक सामर्थ्य को साबित किया था बल्कि भारत के वैश्विक कद को भी ऊंचाई दी थी।
इस अवसर पर, मोदी ने 5,800 करोड़ रुपये से अधिक की कई वैज्ञानिक परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल वेव ऑब्जर्वेटरी- इंडिया की आधारशिला भी रखी। यह दुनिया में बेहद कम पाए जाने वाले लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल वेव वेधशालाओं में से एक होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘दुर्लभ पृथ्वी स्थायी चुंबक संयंत्र, विशाखापत्तनम’ राष्ट्र को समर्पित किया। जिसके बाद भारत रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट बनाने की क्षमता वाले चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है।
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